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धर्मांतरण पर कांग्रेस-वामो ने की चर्चा की मांग, सदन से वॉकआउट

अध्यक्ष ने किया खारिज कोलकाता : महानगर में हाल में दक्षिणपंथी विचारधारावाले एक हिंदूवादी समूह के मीडियाकर्मियों पर हमला व धर्मांतरण के मामले में चर्चा की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा ने गुरुवार को सदन से बहिर्गमन किया. 14 फरवरी को हिंदू संहति मंच के सदस्यों द्वारा मीडियाकर्मियों पर […]

अध्यक्ष ने किया खारिज

कोलकाता : महानगर में हाल में दक्षिणपंथी विचारधारावाले एक हिंदूवादी समूह के मीडियाकर्मियों पर हमला व धर्मांतरण के मामले में चर्चा की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा ने गुरुवार को सदन से बहिर्गमन किया.
14 फरवरी को हिंदू संहति मंच के सदस्यों द्वारा मीडियाकर्मियों पर हमले की घटना को लेकर वाममोर्चा विधायक दल का नेतृत्व करनेवाले माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया. कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों के साथ मिलकर चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी, लेकिन सदन की कार्यवाही स्थगित कर चर्चा की अनुमति नहीं दी. इससे असंतुष्ट कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन करने का फैसला किया.
सुजन का आरोप
श्री चक्रवर्ती ने कहा : आखिर राज्य सरकार ने ऐसे गंभीर विषय पर चर्चा की अनुमति क्यों नहीं दी? जब पत्रकारों पर हमले हो रहे थे, तब राज्य पुलिस प्रशासन उनकी सुरक्षा करने में नाकाम रहा.
गौरतलब है कि महानगर में 14 फरवरी को एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू संहति मंच ने कथित तौर पर कई मीडियाकर्मियों की पिटाई की थी. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि महानगर में पहली बार सार्वजनिक रूप से धर्मांतरण की घटना घटी, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही तथा संस्था के प्रमुख पर मामला धर्मांतरण को लेकर नहीं किया गया, बल्कि पत्रकारों की पिटाई को लेकर किया गया है.
एकजुटता का संदेश देना चाहते थे : मन्नान
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि इस प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायक देश को यह संदेश देना चाहते थे कि राज्य सरकार सांप्रदायिकता शक्तियों से मुकाबला करेगी. चूंकि यह बजट सत्र था. इस कारण स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती थी, लेकिन अन्य प्रस्ताव के माध्यम से इस पर चर्चा करायी जा सकती थी, लेकिन अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी.
सदन अध्यक्ष ने प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी, चर्चा ने इनकार
व्यक्तिगत धर्मांतरण वैध, छद्य धर्मनिरपेक्षवादी मचा रहे हैं हाय-तौबा : दिलीप
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व विधायक दिलीप घोष ने कहा कि कानून की अनुमति लेकर व्यक्तिगत धर्मांतरण वैध व संवैधानिक है. इसे लेकर छद्म धर्मनिरपेक्षवादी क्यों हाय-तौबा मचा रहे हैं. श्री घोष ने विधानसभा परिसर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह कोई पहला अवसर नहीं है, जब भारत में बहुत पहले से ही धर्मांतरण हो रहा है, जिनता धर्मांतरण अंग्रेजों के शासनकाल में नहीं हुआ है. उससे अधिक धर्मांतरण स्वतंत्र भारत में हुआ है. आज भारत में जिनते मुस्लिम व इसाई उसमें 90 फीसदी पहले हिंदू ही थे और उन्हें दूसरे धर्म में धर्मांतरित किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर अाज कोई मुस्लिम की घर वापसी हो रही है, तो इसमें आपत्ति क्यों हो रही है. भारतीय संविधान में इसकी अनुमति दी गयी है और यह कानूनन है. वास्तव में अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए राजनीतिक पार्टियां हाय-तौबा मचा रही हैं.

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