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शिल्पांचल में गुरुनानक जयंती पर गुरुद्वारों में तैयारियां जोरों पर
गुरुद्वारे को सजाया जा रहा है दुल्हन की तरह शनिवार को होंगे विशेष कार्यक्रम दुर्गापुर. देशभर के साथ शिल्पांचल दुर्गापुर में भी शनिवार को गुरु पर्व मनाया जायेगा. यह सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु नानक देव जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इसे गुरुनानक जयंती या गुरु नानक प्रकाशोत्सव के […]
गुरुद्वारे को सजाया जा रहा है दुल्हन की तरह
शनिवार को होंगे विशेष कार्यक्रम
दुर्गापुर. देशभर के साथ शिल्पांचल दुर्गापुर में भी शनिवार को गुरु पर्व मनाया जायेगा. यह सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु नानक देव जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इसे गुरुनानक जयंती या गुरु नानक प्रकाशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है.
श्री गुरुनानक जयंती पर शिल्पांचल व इसके आसपास के इलाके में गुरुद्वारों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. शहर के बेनाचिती स्थित गुरुद्वारा जगत सुधार में लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है. यहां होने वाले कार्यक्रमों को लेकर विशेष इंतजाम किए गए है. प्रशासन ने भी सुरक्षा की कड़ी तैयारियां की हैं. गुरुद्वारा के प्रधान जगदीश सिंह ने बताया िक प्रकाशोत्सव को लेकर बीते कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं. पूरे गुरुद्वारा परिसर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है. शनिवार को इस मौके पर कीर्तन पाठ किया जायेगा.
नगर कीर्तन निकाली जायेगी. यह गुरुद्वारा परिसर से निकलकर राजमहल होते हुए बेनाचिति के नाचन रोड की परिक्रमा कर पुनः गुरुद्वारा वापस आयेगी. इस मौके पर गुरुद्वरा में लंगर की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया िक इस मौके पर दुर्गापुर सहित विभिन्न इलाके से सिख समुदाय के लोग हिस्सा लेने आयेंगे. उन्होंने इस पर्व पर प्रकाश डालते हुये बताया िक गुरुनानक जी का जन्म 550 साल पहले 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी में हुआ जो कि अब पाकिस्तान में और जिसे अब ननकाना साहिब नाम से जाना जाता है. सिख समुदाय के लिए ये दिन बहुत ही विशेष है. इस दिन गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन किये जाते हैं. जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है. गुरू नानक सिखों के प्रथम गुरु(आदि गुरु) हैं. इनके अनुयायी इन्हें गुरुनानक, गुरुनानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं. इनका जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था.
बता दें कि तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया. ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है. इससे पूर्व बीते 15 अक्तूबर से शिल्पांचल में नगर कीर्तन निकाला जा रहा है. इसमें सिख समुदाय के काफी लोग हिस्सा लेते है. यह नगर कीर्तन शनिवार समाप्त हो जायेगा.
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