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4089 करोड़ के प्रस्ताव का आंकलन

गतिरोध. सवा तीन लाख कोयला कर्मियों के वेतन संशोधन को लेकर दोनों पक्षों में टकराव आसनसोल : जेबीसीसीआइ-10 की दोदिवसीय बैठक रांची के आइआइसीएम में सीआइएल के चेयरमैन सुतीर्थ भट्टाचार्या की अध्यक्षता में शुरू हुयी. पहले दिन हुयी बैठक में कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया. सभी कटौतियों तथा 37 खदानों की बंदी पर सहमति […]

गतिरोध. सवा तीन लाख कोयला कर्मियों के वेतन संशोधन को लेकर दोनों पक्षों में टकराव
आसनसोल : जेबीसीसीआइ-10 की दोदिवसीय बैठक रांची के आइआइसीएम में सीआइएल के चेयरमैन सुतीर्थ भट्टाचार्या की अध्यक्षता में शुरू हुयी. पहले दिन हुयी बैठक में कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया. सभी कटौतियों तथा 37 खदानों की बंदी पर सहमति बनने के बाद उसने साढ़े तीन हजार करोड़ रूपये के पैकेज का प्रस्ताव रखा. जिसे यूनियन प्रतिनिधियों ने खारिज कर दिया. यूनियन प्रतिनिधियों ने 29 फीसदी वृद्धि की मांग की. उन्होंने अपने स्तर से 4089 करोड़ रूपये का प्रस्ताव रखा. इसके आकलन के लिए सबकमेटी गठित कर बैठक स्थगित कर दी गयी. कमेटी उसका आकलन कर शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट बैठक में रखेगी. इसके बाद बैठक में चर्चा होगी.
जेबीसीसीआइ की बैठक शुरू होते ही प्रबंधन प्रतिनिधियों ने पुराना राग अलापना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में 29 फीसदी वृद्धि का मामला कंपनी के निदेशक बोर्ड पर छोड़ा गया था. लेकिन बोर्ड ने इस राशि की मंजूरी नहीं दी. कंपनी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. इस स्थिति में उक्त राशि पर सहमति संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि यदि सभी प्रतिबंधों तथा कटौतियों यथा- सनडे, ओटी, डीजल खर्चे में कटौती तथा 37 भूमिगत खदानों की बंदी रा प्रस्ताव यूनियन प्रतिनिधि मान लें तो पहले के तीन हजार करोड़ के पैकेज में पांच सौ करोड़ रूपये की वृद्धि की जा सकती है. इससे अधिक राशि पर सहमति बनने का सवाल ही नहीं उठता है.
यूनियन प्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना था कि 25 फीसदी वेतन मद में तथा चार फीसदी भत्ते मद में वृद्धि से कम पर समझौता किसी भी हालत में नहीं होगा. दोनों पक्षों में काफी देर तक विवाद होता रहा. अंतिम चरण में यूनियन प्रतिनिधियों ने अपने स्तर से प्रस्ताव रखा.
उन्होंने कहा कि एक फीसदी की वृद्धि करने पर 141 करोड़ रूपये का बोझ कंपनी पर पड़ रहा है. यदि 29 फीसदी की वृद्धि की जाये तो कुल राशि 4089 करोड़ रूपये आती है. सीआइएल इतरी राशि खर्च कर ही सकता है. इस राशि के प्रस्ताव आने पर सीआइएल के चेयरमैन श्री भट्टाचार्या ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए आकलन कमेटी गठित करने का प्रस्ताव दिया.
इस कमेटी में प्रबंधन के चार प्रतिनिधि तथा यूनियनों के चार प्रतिनिधि शामिल है. यह कमेटी इस राशि का आकलन कर अपनी रिपोर्ट शुक्रवार की सुबह बैठक में सौंपेगी. इसके बाद बैठक स्थगित हो गयी.
बैठक में सीआइएल के चेयरमैन एस भट्टाचार्या, प्रभारी कार्मिक निदेशक सह डब्ल्यूसीएल के सीएमडी आरआर मिश्र, वित्त निदेशक सीके दे, तकनीकी निदेशक एस शरण, सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह, एसइसीएल के सीएमडी बीआर रेड्डी, एमसीएल के सीएमडी एमके झा, एनसीएल के सीएमडी के सीएमडी तापस कुमार नाग, एनसीएल के कार्मिक निदेशक शांतिलता साहू, इसीएल के सीएमडी सुब्रत चक्रवर्ती, कार्मिक निदेशक केएस पात्र, एससीसीएल के सीएमडी एन श्रीधर, कार्मिक निदेशक जे पवित्र कुमार, सलाहकार भगवान पांडेय , महाप्रबंधक (कार्मिक) सीआइएल तृप्ति पराग साव तथा यूनियन प्रतिनिधियों में एचएमएस के नत्थू लाल पांडेय, उमाशंकर पांडेय, एसके पांडेय, रियाज अहमद, राधवन रघुनंदन, राजेश कुमार सिंह, बीएमएस के डॉ बीके राय, बीके राय, वाईएन सिंह, विंदेश्वरी प्रसाद, ए श्रीनिवासन राव, एल जगनमोहन, लक्ष्मण चन्द्रा, एटक से रमेन्द्र कुमार, वी सीतारमैय्या, आरसी सिंह, लखनलाल महतो, अशोक कुमार दूबे, हरिद्वार सिंह, सीटू से डीडी रामानंदन, एम नरसिंहराव, एसएच बेग, जेएस सोधी तथा मानस कुमार चटर्जी आदि शामिल थे.
बैठक के पहले चरण में स्पेशल फ ीमेल वीआरएस के मुद्दे पर सब कमेटी की बैठक हुयी. इसकी अध्यक्षता एसइसीएल के सीएमडी बीआर रेड्डी ने की. इसमें इसीएल के डीपी केएस पात्र, एमसीएल के डीपी एलएन मिश्र, एटक के रमेन्द्र कुमार, एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय, सीटू के डीडी रामानंदन तथा महाप्रबंधक (कार्मिक व औद्योगिक संबंध) सीआइएल एके सक्सेना शामिल थे. यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि इस योजना में शामिल महिला कर्मियों ने सेवानिवृत्ति ले ली लेकिन उनके आश्रितों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा जा रहा है.
इस तरह के मामले इसीएल में छह तथा सीसीएल में पांच है. तय हुआ कि इलेक्ट्रिशियन, फीटर, मेकेनिकल, वेल्डर में आइटीआइ, मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल में डिप्लोमा, इलेक्ट्रिकल में बी-टेक तथा होटल मैनेजमेंट में बीएससी को दो वर्षो के फ्रशिक्षण पर भेजा जायेगा. इसके लिए उन्हें स्टाइपेंड मिलेगा. प्रशिक्षण लेने के बाद उन्हें केटेगरी वन में नियोजित किया जायेगा. एत वर्ष बाद उन्हें उनके कैडर में भेज दिया जायेगा. इसके साथ ही कलर ब्लाइंडनेस के मामले में ग्रुप ए के अलावा अन्य स्थान पर समायोजित करने तथा उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी.

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