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बीएसएफ अधिकारियों ने दिखायी दिलचस्पी

बीएसएफ बहरमपुर ट्रेनिंग कैंप का एक्सटेंसन पार्ट बनाने की योजना रूपनारायणपुर : हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड(एचसीएल) की रूपनारायनपुर इकाई की जमीन पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ट्रेनिंग कैम्प स्थापित करने को लेकर प्रक्रि या तेज हुयी. कंपनी की लैंड मैनेजमेंट एजेंसी (एलएमए) नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्सन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसीएल) ने जमीन को निलामी करने को लेकर […]

बीएसएफ बहरमपुर ट्रेनिंग कैंप का एक्सटेंसन पार्ट बनाने की योजना
रूपनारायणपुर : हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड(एचसीएल) की रूपनारायनपुर इकाई की जमीन पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ट्रेनिंग कैम्प स्थापित करने को लेकर प्रक्रि या तेज हुयी. कंपनी की लैंड मैनेजमेंट एजेंसी (एलएमए) नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्सन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसीएल) ने जमीन को निलामी करने को लेकर अधिसूचना जारी की है. इसके आधार पर बीएसएफ जमीन खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही है. पहले चरण में बल के कमांडेंट और दूसरे चरण में डीआइजी अजमल सिंह ने जमीन का निरीक्षण किया है.
उन्होंने सालानपुर प्रखण्ड के बीएलएंडएलआरओ रु द्ररूप भट्टाचार्य के साथ उनके कार्यालय में बैठक की और जमीन से संबंधित तथ्य संग्रह की. अधिकारियों के अनुसार यहां बीएसएफ बहरमपुर ट्रेनिंग कैम्प का एक्सटेंसन पार्ट बनाने की योजना है.
सनद रहे कि डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इन्टरप्राइसेस (डीपीइ) ने सात सितम्बर, 2016 को तैयार गाइडलाइन के आधार पर 23 सितम्बर को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्नालय ने कंपनी को बंद करने को लेकर नोटशीट तैयार कर मंजूरी के लिए केबिनेट में भेजा. 28 सितम्बर को केबिनेट ने इसे बंद करने की मंजूरी दे दी. जिसके आधार पर एचसीएल को बंद करने का कार्य सितम्बर 2016 से ही आरम्भ हो गया.
जमीन को लेकर गाइडलाइन में क्या
कंपनी को बंद करने को डीपीई की निदेशक कल्यानी मिश्र द्वारा तैयार समयबद्ध कर्मसूची के गाइडलाइन के आधार पर एचसीएल को बंद करने की प्रक्रि या आरम्भ हुई. गाइडलाइन में जमीन को बेचने के एक एजेंसी नियुक्त करने को कहा गया. जिसके तहत एचसीएल की जमीन के एलएमए के तौर जिम्मेदारी एनबीसीसीएल को दी गयी. एलएमए के लिए जो दिशानिर्देश दिए गये, उसमे गाइडलाइन जारी होने के दिन से छह माह के अंदर यानी मार्च 2017 तक संस्था की जमीन को केंद्र सरकार या उसकी कोई अनुषांगिक इकाई को बेचना होगा.
यदि यह कार्य विफल होता है तो गाइडलाइन जारी होने के नौ माह के अंदर यानी जून, 2017 तक जमीन बेचने के लिए इसके दायरा को बढ़ाते हुए इसमें राज्य सरकार या उसकी अनुषांगिक इकाई को भी शामिल किया गया है. यह प्रयास भी यदि विफल हुआ तो 12 माह के अंदर यानी सितम्बर, 2017 तक इसके दायरा को और बढ़ाते हुए इसमें निजी संस्था को जमीन बेचने की सूची में शामिल करने को कहा गया है. यह प्रयास भी यदि विफल हुआ तो 15 माह के अंदर यानी दिसम्बर, 2017 तक इस जमीन को केंद्र सरकार की किसी जन कल्याणकारी परियोजना या हाउजिंग के लिए उपयोग करने की बात कही गयी है.
यह प्रयास भी विफल होने पर जमीन के मुद्दे को नीति आयोग के पास भेज दिया जायेगा. नीति आयोग इसपर जो निर्णय देगा, आगे की कार्यवाही उसी आधार पर होगी. इस गाइडलाइन के आधार पर एलएमए ने जमीन को बेचने के लिए अधिसूचना जारी की है. जून, 2017 के अंदर केंद्र या राज्य सरकार या उसकी कोई अनुषांगिक इकाई एचसीएल की जमीन को नही लेती है तो जुलाई से इसके लिए निजी संस्था द्वारा खरीदने की प्रक्रि या आरम्भ हो जायेगी.

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