इस आधार पर अदालत में इस मामले में जालसाजी की धारा को जोड़ने का आवेदन किया गया था. अदालत ने इसकी अनुमति दी, जिसके बाद मोचीपाड़ा थाने में इस एफआइआर में जालसाजी की धारा को भी जोड़ा गया है.
वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि मैथ्यु को जांच में मदद के लिए 22 फरवरी को कोलकाता आने को कहा गया था, लेकिन मोचीपाड़ा थाने में डॉक्टरी रिपोर्ट भेज कर उसने खुद को बीमार बताया और पुलिस से आठ सप्ताह की मोहलत मांगी है. इस ईमेल के बाद कोलकाता पुलिस मैथ्यू की बीमारी की हकीकत का पता लगाने के लिए कोलकाता से दिल्ली चिकित्सकों की टीम भेजने पर विचार कर रही है. इस टीम में कोलकाता के अनुभवी सरकारी चिकित्सक व दिल्ली के एम्स के चिकित्सक शामिल होंगे. हालांकि कोलकाता पुलिस ने मामले में कुछ नहीं कहा है. पुलिस का कहना है कि मैथ्यू के ईमेल का जवाब जल्द भेज दिया जायेगा.