मालदा: ऑफिस जाने पर ग्राम पंचायत के अधिकारी कभी उन्हें मुर्दा, तो कभी भूत कहकर भगा देते थे. हालांकि ये तीनों लोग जीवित हैं और छह महीने पहले तक इन्हें वृद्धावस्था भत्ता मिल रहा था. लेकिन अब पंचायत की तरफ से इन्हें मृत बताया जा रहा है. पंचायत दफ्तर के इस व्यवहार से ओल्ड मालदा ब्लॉक की मंगलबाड़ी ग्राम पंचायत के नारायणपुर ग्रामवासी ये तीनों वृद्ध-वृद्धा हताश हैं.
इनका नाम है कैलास मंडल (75), संध्या राय (70) मधुबाला राय (75). इन तीनों ने अब जिला अधिकारी और ओल्ड मालदा के बीडीओ के पास लिखित शिकायत दर्ज करायी है. शिकायत मिलने के बाद जिला अधिकारी शरद द्विवेदी ने पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है. ओल्ड मालदा के कांग्रेस विधायक अर्जुन हालदार ने इस घटना को संगीन और दु:खदायी बताया है. मैंने जिला प्रशासन को बोला है कि ये लोग जीवित हैं और इन्हें तुरंत वृद्धावस्था भत्ते का भुगतान शुरू किया जाये. उक्त तीनों वृद्धों को बीते पांच-सात साल से वृद्धावस्था भत्ता मिल रहा था.
सरकारी नियम के मुताबिक इन्हें हर महीने 400 रुपये दिये जाते थे. लेकिन बीते साल जुलाई महीने के बाद इनका भत्ता बंद कर दिया गया. जब ये लोग भत्ता बंद होने की वजह जानने पंचायत दफ्तर गये, तो पंचायत सचिव अनूप मिश्र ने बताया कि आप लोग तो कागज में मर चुके हैं. छह महीने पहले ही आपकी मृत्यु हो चुकी है. मृत लोगों को सरकार भत्ता नहीं देती है. यह सुनकर तीनों वृद्ध-वृद्धा हतप्रभ हो गये. इन्होंने बताया कि हमने सचिव से कहा कि हम आपके सामने सशरीर हाजिर हैं. तब हमें भत्ता क्यों नहीं मिलेगा? इस पर सचिव ने कहा कि कागज पर आप लोग मर चुके हैं. ऐसे में भत्ता कैसे मिलेगा. बार-बार पंचायत दफ्तर का चक्कर काटने के बाद भी जब कोई लाभ नहीं हुआ, तो हमने दिसंबर महीने में ओल्ड मालदा बीडीओ के पास लिखित शिकायत की. जब वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो आखिरकार हम जिला अधिकारी के दरवाजे पर पहुंचे. शिकायत मिलते ही जिला अधिकारी शरद द्विवेदी हरकत में आ गये. उन्होंने मामले की पूरी जांच के आदेश दिये हैं. इसके बाद ब्लॉक प्रशासन भी तत्पर हुआ है. मंगलबाड़ी ग्राम पंचायत के सचिव अनूप मिश्र इस बारे में कुछ बोलना नहीं चाहते. लेकिन तृणमूल परिचालित इस ग्राम पंचायत के प्रधान मासिदुर रहमान ने कहा कि हमारे अंचल में 1200 लोगों को वृद्धावस्था भत्ता मिल रहा है.
किसी गलती की वजह से कागज में इन तीन लोगों को मृत दर्ज कर लिया गया. भत्ता पानेवालों से हर साल लाइफ सर्टिफिकेट लिया जाता है. यह काम घर-घर घूमकर किया जाता है. इस प्रक्रिया में उक्त तीनों लोग नहीं मिले होंगे, इसलिए उन्हें मृत दर्ज कर लिया गया होगा.
फिर भी इन तीनों का भत्ता शुरू हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.ओल्ड मालदा ब्लॉक के बीडीओ नरोत्तम विश्वास ने बताया कि जिला प्रशासन का निर्देश मिलने के बाद पूरे मामले की जांच की गयी है. नारायणपुर गांव के तीन वृद्धों का भत्ता किस गलती की वजह से बंद हो गया था. जिला प्रशासन को उनके जीवित होने और भत्ता पाने के योग्य होने के बारे में बता दिया गया है. उम्मीद है कि आगामी फरवरी महीने से उन्हें भत्ता मिलना फिर शुरू हो जायेगा. उन्हें बकाया भत्ता मिल पाये, इसके लिए भी कोशिश की जा रही है.