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कोलकाता गैंगरेप:सरकार ने शव को लेकर हो रही राजनीति की भर्त्सना की

कोलकाता : 16 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. लड़की की जलने के कारण मौत हो गयी थी और उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा था कि मृत्यु के समय वह गर्भवती थी. वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार […]

कोलकाता : 16 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. लड़की की जलने के कारण मौत हो गयी थी और उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा था कि मृत्यु के समय वह गर्भवती थी. वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले में कहा है कि सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. सरकार ने शव को लेकर हो रही राजनीति की भर्त्सना की.

लड़की की मौत से कोलकाता में विवाद भड़क गया था और लड़की के परिवार का आरोप है कि उन्हें पुलिस ने शहर छोड़ने की धमकी दी है.अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (बिधाननगर पुलिस) अनंत ने बताया, ‘‘हमने लड़की के आखिरी बयान के आधार पर दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था. उसने बयान में कहा था कि लड़की को जला दिया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लड़की का इलाज कर रहे डॉक्टर ने भी हमें बताया कि मृत्यु के समय लड़की गर्भवती थी. हमने लड़की के भ्रूण की अवधि पता लगाने के लिए उसे फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेज दिया है.’’


बिहार की बेटी का कोलकाता में गैंगरेप,मौत

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी (16) की शहर के अस्पताल में हुई मौत के बाद अंतिम संस्कार में कोलकाता पुलिस की दबंग भूमिका को लेकर बुधवार को जनता सड़कों पर उतरी और न्याय की मांग की. पीड़िता के पिता ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगायी. इस बीच बुधवार की शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया. अक्तूबर माह में उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम में बिहार के समस्तीपुर जिले की मूल निवासी 16 वर्षीय किशोरी के साथ 48 घंटे

दो बार सामूहिक दुष्कर्म किया गया
करीब दो महीने बाद 23 दिसंबर,2013 को दूसरे मुहल्ले में रह रही पीड़िता को घर में अकेली पाकर आरोपियों के साथियों ने कथित तौर पर जिंदा जलाने के प्रयास किया. हालांकि, पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने आत्मदाह किया था. इस दौरान 80 फीसदी तक जल चुकी पीड़िता की 31 दिसंबर (मंगलवार)को आरजी कर अस्पताल में मौत हो गयी.

पुलिस की दबंगई
पीड़िता के पिता के मुताबिक अंतिम संस्कार के लिए पीड़िता का शव पीस हेवेन (शव गृह) में रखने का फैसला लिया गया. लेकिन हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने रात में उसके शव को अपने कब्जे में ले लिया. बाद में शव को पुलिस नीमतल्ला घाट स्थित श्मशान ले गयी. हालांकि परिवार के सदस्य वहां नहीं गये. पुलिस ने परिजनों से संपर्क कर कहा कि या तो यहीं अंतिम संस्कार कर दें या शव लेकर बिहार चले जाएं. जोरदार विरोध को देखते हुए पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया. इसके बाद शव को सीटू दफ्तर ले जाया गया. फिर शव को लेकर रैली निकाली गयी और शाम में नीमतल्ला श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

शोक यात्रा में भी असहमति
पीड़िता की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार को लेकर आम लोगों के साथ वामपंथी कार्यकर्ता, प्रबुद्ध जनों के साथ कोलकाता पुलिस उलझ पड़ी. वाम नेताओं का आरोप है कि शव को पुलिस ने जबरन कब्जे में लिया. इतना ही नहीं शोक यात्रा निकाले जाने की भी अनुमति देने में असहमति जतायी.

पुलिस के पास जवाब नहीं
पीड़िता के शव को अपने कब्जे में लेकर मंगलवार रात उसे नीमतला श्मशान घाट पहुंचानेवाले डीसी (नॉर्थ) गौरव शर्मा ने कहा कि जो भी किया गया, वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर. लेकिन स्पष्ट नहीं किया कि यह निर्देश किसने दिया. संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्र ने कहा कि वह इस मामले में आधिकारिक तौर पर वह कुछ भी बोल नहीं सकते. सूत्रों के मुताबिक शव को लेकर रैली करने की सूचना सरकार को मिली थी. नये साल क मौके पर महानगर की कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका के तहत शव को पुलिस ने कब्जे में लिया.

माकपा ने कहाद्व प्रशासन निरंकुश
माकपा के नेता रॉबिन देव ने कहा कि इस घटना से राज्य सरकार व प्रशासन की निरंकुश भूमिका सामने आ गयी है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए इसे बलपूर्वक अपने कब्जे में लिया. हालांकि मृत्यु प्रमाणपत्र पिता के पास होने के कारण वे ऐसा नहीं कर सके. सूचना मिलते ही वामपंथी कार्यकर्ता भी शवदाह केंद्र में पहुंचे. हमारे विरोध के कारण पुलिस अपने मंसूबे में कामयाब नहीं पायी.

तृणमूल ने कहा-वामो ने किया गलत प्रचार
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीड़िता की मौत मामले में वाम मोरचा द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है. तृणमूल नेता मुकुल राय ने कहा कि माकपा इस मामले में सरकार के खिलाफ गलत प्रचार करने की कोशिश कर रही है. लेकिन लोग स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने घटना को दुखद बताया और कहा कि पुलिस काम कर रही है.

कांग्रेस ने मांगा सीएम से इस्तीफा
प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले में राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की और दुष्कर्म मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य, महासचिव मनोज पांडेय सहित कांग्रेस के आला नेताओं ने नीमतला घाट पर पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

राष्ट्रीय महिला आयोग ने की निंदा
घटना की निंदा करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है और पूरी घटना पर राज्य सरकार की भूमिका पर नाराजगी जतायी है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में पुलिस की भूमिका सही नहीं है.

क्या है मामला
मध्यमग्राम के पाटूली शिवतल्ला इलाके में 25 अक्तूबर को नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. उसी इलाके के छह व्यक्तियों पर गैंगरेप का आरोप लगा था. दूसरे दिन परिवार ने घटना की शिकायत मध्यमग्राम थाने में दर्ज करायी थी. मेडिकल जांच के बाद घर लौटने पर आरोपियों ने फिर पीड़िता का अपहरण कर लिया और सामूहिक दुष्कर्म किया. पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक अपमान सहन न कर पाने की वजह से पीड़िता ने 23 दिसंबर को खुद आग लगा ली.

पीड़िता का बयान
पीड़िता ने अपने मौत से पहले पुलिस को बयान दिया था कि उसने खुद आग लगा कर खुदकुशी का प्रयास नहीं किया था, घर में अकेली पाकर आरोपियों के साथियों ने 23 दिसंबर को घर में आग लगा दी थी. उसने विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के एडीसीपी संतोष निबंलकर को अस्पताल में यह बयान दिया था. एडीसी संतोष निबंलकर ने भी इसे स्वीकार किया है. बयान के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है.

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