कोलकाता: सियालदह स्टेशन के बाहरी सिग्नल पर एक ही पटरी पर अप लालगोला और डाउन बनगांव लोकल आमने-सामने आ गयी. हालांकि दोनों ट्रेन के चालकों ने सही वक्त पर ब्रेक लगा दी.
इससे एक बड़ी रेल दुर्घटना होने से टल गयी. घटना में सिगनल की उपेक्षा कर डाउन लाइन में घुसने के आरोप में अप लालगोला के चालक और सहायक चालक को पूर्व रेलवे ने निलंबित कर दिया है. रेल सूत्र के मुताबिक, सुबह 8.10 बजे अप लालगोला लोकल सियालदह स्टेशन के सात नंबर प्लेटफार्म से छूटी थी.
आरोप है कि कुछ दूरी पर जाने के बाद लालगोला के चालक ने सिगनल की उपेक्षा कर ट्रैक बदल दिया. दूसरी ओर, उसी पटरी पर सामने से यात्रियों की खचाखच भीड़ से भरी डाउन बनगांव लोकल आ गयी. डाउन बनगांव लोकल के गेट पर यात्री झूल रहे थे. दोनों ट्रेनों की गति 10 किलोमीटर की थी. ट्रेन के चालकों ने एक ही पटरी पर अपने आमने-सामने ट्रेन देख कर ब्रेक लगा कर ट्रेन को रोक दिया. दोनों ट्रेन के बीच 100 मीटर से भी कम की दूरी थी. रेल सूत्र के मुताबिक डाउन बनगांव लोकल सियालदह के आठ नंबर प्लेटफार्म को घुसना था. इधर, घटना की भनक से रेल यात्रियों को मिलने पर उनमें खलबली मच गयी. दोनों ट्रेन से भारी तादाद में यात्री नीचे कूद कर उतर गये. सूचना पाकर पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी वहां पहुंच गये. इस दौरान कुछ देर तक मेन लाइन पर ट्रेन यातायात ठप हो गया.
लालगोला ट्रेन को पुन: सियालदह स्टेशन पर लाया गया. इसके बाद डाउन बनगांव लोकल को भी सियालदह स्टेशन में घुसाया गया. ऑफिस कर्मियों ने रेल की इस लापरवाही के लिए कड़ा विरोध जताया. पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रवि महापात्र ने बताया कि एक ही पटरी पर दोनों ट्रेन कैसे आयी, इसके लिए एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है. उन्होंने इस प्रकार की घटना सिंगनलिंग में गड़बड़ी और चालक की सिंगनल की उपेक्षा के वजह से होने की आशंका जतायी. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है. ट्रेन के चालक व गार्ड से बातचीत के बाद प्राथमिक जांच के बाद लालगोला के चालक को सिगनल की उपेक्षा करने का दोषी पाया गया है. लालगोला के चालक व सहायक चालक को बदल कर दूसरे चालक व सहायक चालक आने के बाद अप लालगोला देरी से सियालदह से अपने गंतव्य के लिए छूटी.