कोलकाता: योजना आयोग के सदस्य अरुण मैरा ने केंद्र व राज्य सरकारों के बीच करों के बंटवारे को लेकर हो रही बहस को उस वक्त हवा दे दी, जब उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए अधिक अधिकारों की ममता बनर्जी की मांग सही है. उल्लेखनीय है कि सुश्री बनर्जी केंद्रीय करों को हासिल करने की मांग करने में अग्रणी रही हैं.
फिक्की द्वारा आयोजित एक सेमिनार में श्री मैरा ने कहा कि ममता बनर्जी की अधिक अधिकारों की मांग सही है. केंद्र द्वारा सबकुछ तय किये जाने वाला रवैया सही नहीं. केंद्र सरकार द्वारा हासिल किये जाने वाले कुल करों में से करीब 32 फीसदी राज्यों में बांटा जाता है.
पश्चिम बंगाल को इसका 2.5 फीसदी हिस्सा मिलता है. श्री मैरा ने कहा कि योजना आयोग को केंद्र सरकार के गंठबंधन ढांचे में केंद्र-राज्य के रिश्तों के बदल रहने समीकरण के मुताबिक ढलने की जरूरत है क्योंकि क्षेत्रीय पार्टियां पहले से अधिक ताकतवर हो गयी हैं. श्री मैरा ने कहा कि योजना आयोग की राज्यों के साथ कार्य करने की प्रणाली पुरानी हो चुकी है. वर्तमान में योजना आयोग करों के बंटवारे और राज्यों की विकास परियोजनाओं के लिए फंड की मंजूरी का फैसला संबंधित सरकारों के साथ बातचीत के आधार पर करता है. श्री मैरा ने कहा कि योजना आयोग को उसके वर्तमान स्वरूप के बदले सुधारवादी आयोग का सिस्टम बनना चाहिए. आयोग ने विचारविमर्श के रुख को अपनाना शुरू कर दिया है.