कोलकाता: छात्रों के घेराव की वजह से अपने कार्यालय में फंसे यादवपुर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, प्रो वाइस चांसलर व रजिस्ट्रार को 51 घंटे बाद शुक्रवार शाम करीब सात बजे मुक्त किया गया. वे बुधवार शाम से फंसे थे. हालांकि फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी स्टुडेंट्स यूनियन (फेट्सु) ने 10 सितंबर को रैगिंग के दोषी ठहराये गये दो छात्रों के खिलाफ आरोप की पुन: जांच के लिए जांच कमेटी बैठाने जारी रखी है. उन्होंने मांग पर शुक्रवार रात से रिले अनशन पर जाने का निर्णय लिया है.
छात्रों का एक समूह हर 12 घंटे के लिए भूख अनशन करेगा. फेट्सु के महासचिव सौभिक मुखर्जी ने कहा ‘छात्रों की तरफ से वीसी, प्रो वीसी व रेजिस्ट्रार को जबरदस्ती उनके कार्यालय में नहीं रोका गया था. वे चाहते तो हमारे शरीर पर से होकर बाहर जा सकते हैं. विश्वविद्यालय अथॉरिटी अपने निर्णय पर अटल है. इसलिए अपनी मांग को मनवाने के लिए हमने रिले अनशन पर जाने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि 10 सितंबर को विश्वविद्यालय की तरफ से चौथे वर्ष के दो छात्रों को रैगिंग के आरोप में दो सेमेस्टर व एक सेमेस्टर के लिए व कॉलेज हॉस्टल से निकाल दिया था.
दूसरी तरफ वीसी सौभिक भट्टाचार्य ने कहा कि छात्रों के आंदोलन चलने पर विश्वविद्यालय अपना निर्णय नहीं बदल सकता. दोषी छात्रों को दी गयी सजा पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता है.
जेयू में घेराव अमानवीय : ब्रात्य : शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति और रजिस्ट्रार के पिछले कुछ दिन से लगातार घेराव की निंदा की और इसे अमानवीय बताया. श्री बसु ने विद्यार्थियों से घेराव समाप्त करने का आग्रह करते हुए कहा : हम शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को पुरजोर तरीके से नामंजूर करते हैं और किसी भी हालात में इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.