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मकर संक्रांति के अवर पर गंगासागर में 10 लाख लोगों ने लगायी आस्था की डुबकी

कोलकाता : देश के कोने-कोने से आस्था की डुबकी लगाने सागरद्वीप पहुंचे प्राय: 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने 14 जनवरी को गंगासागर में पवित्र स्नान किया. सुबह से ही कड़ाके की ठंड वघने कोहरे के बावजूद पूरे सागर में सुबह 4.30 बजे से ही लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ सागर में डुबकी […]

कोलकाता : देश के कोने-कोने से आस्था की डुबकी लगाने सागरद्वीप पहुंचे प्राय: 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने 14 जनवरी को गंगासागर में पवित्र स्नान किया. सुबह से ही कड़ाके की ठंड वघने कोहरे के बावजूद पूरे सागर में सुबह 4.30 बजे से ही लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ सागर में डुबकी लगाना शुरू कर चुके थे. एक तरफ साधु संन्यासी सागर में पुण्य स्नान कर रहे थे, तो दूसरी तरफ परिवार के बुजुर्ग के साथ उनके परिजन गंगासागर में आस्था के स्नान में व्यस्त दिखे.

सूर्य देवता की पूजा के बाद किसी ने गौ दान किया तो किसी ने तुलसी
सागर में नहाने के बाद परिवार की महिलाएं घर-परिवार की सुख शांति के लिए सूर्य देवता की पूजा में व्यस्त दिखीं. इसके बाद कुछ महिलाओं ने सागरतट पर गाय दान किया, तो कुछ महिलाओं ने तुलसी के पौधे की पूजा पाठ खत्म कर तुलसी दान किया. सागरतट पर रमेश पुरोहित ने बताया कि श्रद्धा के हिसाब से लोग गौ दान कर रहे है. कोई दो हजार एक रुपये में गौ दान कर रहा है, तो कोई पांच सौ एक रुपये में वहीं मन में इच्छा के बावजूद क्षमता नहीं होने वाले लोग 51 रुपये में भी गौ दान कर रहे है. उन्होंने कहा कि सागरतट पर गौ दान करने की इच्छा लेकर आने वाले अपनी श्रद्धा के मुताबिक इस मनोकामना को पूरा कर रहे हैं.
नेपाल के पोखरा से 62 महिलाएं पहुंची सागर
नेपाल के पोखरा से 62 महिलाओं का एक हुजूम मंगलवार शाम को गंगासागर पहुंचा था. सभी महिलाओं ने सागरद्वीप में पहुंच कर स्नान किया. पवित्र स्नान के बाद पूजापाठ कर रही नेपाली नागरिक साधिका सापकोटा ने बताया कि दस जनवरी को दो बसों में वे नेपाल से गंगासागर के लिए निकली थीं. यहां 14 जनवरी को पुण्य स्नान खत्म करने के बाद वे यहां से बोधगया जायेंगी. वहीं तिप्ती लामा ने बताया कि पहली बार यहां आने के बाद जो शांति मिली उसकी उम्मीद नहीं थी. गंगासागर व बोधगया प्राय: आसपास होने के कारण अब हर बार इस तीर्थ स्थान के दर्शन के लिए वह यहां पहुंचेंगी.
भागदौड़ में जख्मी हुआ एक वृद्ध
लोगों की भीड़ के कारण कुछ समय के लिए नहाने के पहले सागर में जाने के एक नंबर रास्ते में बैरिकेड लगाकर लोगों को रोका गया था. यह बैरिकेड अचानक खोलने से भागदौड़ में फंसकर एक 82 वर्षीय वृद्ध लोगों की पैरों के नीचे कुचला गया. तत्काल वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें जख्मी हालत में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. जख्मी वृद्ध व्यक्ति का नाम मुन्ना पटेल है. वह अपने बेटे के साथ मध्य प्रदेश के मैहर से गंगासागर आये हैं. जख्मी मुन्ना पटेल ने बताया कि देवताओं की कृपा होने के कारण उन्हें ज्यादा चोट नहीं आयी, वे सागर में इसी जख्मी हालत में स्नान खत्म कर ही इलाज कराने जायेंगे.
पुण्य स्नान की कोई तिथि नहीं होती
बिहार के समस्तीपुर से अपने परिवार के साथ गंगासागर आये रमेश यादव ने बताया कि गंगासागर में पहुंचने के बाद पुण्य स्नान के मुहूर्त के लिए ठहरने का कोई सवाल ही नहीं होता. 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन ही सभी पुण्य मुहूर्त होता है. 14 जनवरी को ही सागर में नहाने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब इसे साबित भी करता है. वहीं कोडरमा के महेश सिंह का मानना है कि सभी त्योहार के लिए एक शुभ मुहूर्त निश्चित किया जाता है. इसी शुभ मुहूर्त में नहाने का अलग महत्व होता है. 14 जनवरी बुधवार से ज्यादा साधु संन्यासी व श्रद्धालु बृहस्पतिवार 15 जनवरी को उनके साथ सागर में पुण्य मुहूर्त में नहायेंगे.
पुण्य स्नान कर पांच लाख श्रद्धालु घर के लिए रवाना : डीएम
दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी शांतनु बोस ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को 10 लाख से ज्यादा लोगों ने सागर में महास्नान किया. जिसमें से पांच लाख से अधिक लोग नहाने के बाद शाम पांच बजे तक वापस सागरद्वीप से कोलकाता के लिए रवाना हो गये, जबकि पांच लाख से कुछ कम श्रद्धालु अब भी शिविरांे में हंै. वे सभी गुरुवार को पुण्य तिथि में गुरुवार को स्नान कर घर के लिए रवाना होंगे. वहीं 15 जनवरी को नहाने के लिए बुधवार शाम तक तकरीबन 5.5 लाख लोग और गंगासागर पहुंचे है. सभी गुरुवार को सागर में स्नान करेंगे.
कपिलमुनी मंदिर के सामने भक्तों की लगी लंबी कतार
गंगासागर में नहाने के बाद भक्तों का आपार जन सैलाब कपिलमुनी मंदिर के बाहर देखा गया. लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन के तरफ से सागततट से मंदिर परिसर तक कुल आठ बैरिकेड बनाये गये थे. पांच सौ के करीब प्रत्येक बैरिकेड में श्रद्धालुओं को मंदिर में भेजा जा रहा था. कतार में खड़े सभी भक्तों की नजरें कपिलमुनी मंदिर के प्रमुख द्वार पर टिकी थी. हर भक्त भगवान के दर्शन की आश लगाये कतार में खड़ा था. सुबह छह बजे से ही लोग दर्शन कर घर के लिए रवाना होते दिखे.
दक्षिण 24 परगना के पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मेला प्रांगण में चार हजार पुलिस कर्मी सुरक्षा के लिहाज से तैनात है. भक्त सुरक्षित तरीके से दर्शन कर सके, इसे लेकर सभी इंतजाम किये गये है. भक्तों की भीड़ में पहले दर्शन के लिए दौड़भाग को रोकने के लिए बैरिकेड बनाया गया है. पांच सौ के करीब भक्तों को एक साथ दर्शन के लिए भेजा जा रहा है, जिससे मंदिर के अंदर दूर खड़ा भक्त भी अपने आराध्य के दर्शन कर सके.

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