नयी दिल्ली/कोलकाता: यदि इस समय लोकसभा चुनाव हो तो पश्चिम बंगाल का परिणाम किस करवट बैठेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता. दो चुनावी सर्वे में अलग-अलग निष्कर्ष निकाले गये हैं. सीएसडीएस की ओर से किये गये सर्वे के मुताबिक, राज्य में अगर मौजूदा हालात में चुनाव होते हैं तो एक बार फिर ममता का जादू चलता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिकममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेसको 23-27 सीटें मिल सकती हैं.
वाम मोरचे को 7-11 सीटें और कांग्रेस को 5-9 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी बंगाल में वाम मोरचे की स्थिति में सुधार की गुंजाइश नहीं दिख रही है. सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में वाम मोरचे को 15 फीसदी वोटों का नुकसान होता दिख रहा है.
वहीं एडेलवाइस फाइनेंसियल सर्विसेज के सर्वे ने दूसरी तसवीर पेश की है. एडेलवाइस के सर्वे के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनाव में वाम मोरचा बड़ी वापसी करेगा. रिपोर्ट के अनुसार, जनता का ममता बनर्जी की सरकार से मोहभंग हो रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस व तृणमूल का गंठबंधन नहीं होने की संभावना के कारण भी 2014 लोकसभा चुनाव में वाम मोरचा की वापसी को एक बड़ा कारण बताया गया है. सर्वे के अनुसार, राज्य की 42 लोकसभा सीटों में वाम मोरचा की सीटों की संख्या बढ़ कर 21-23 होने की संभावना है. 2009 में वाम मोरचा को केवल 15 सीटें मिली थीं. तृणमूल कांग्रेस के खाते में 2009 की19 सीटों के मुकाबले 16-18 सीटें ही आने की उम्मीद है. वहीं, कांग्रेस को दो–चार सीटें मिल सकती हैं. 2009 में कांग्रेस ने छह सीटों पर कब्जा जमाया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल के साथ गंठबंधन कर एक सीट जीतनेवाली एसयूसीआइ का खाता नहीं खुलने की संभावना है. भाजपा की झोली खाली रहने का अनुमान लगाया गया है.
एडेलवाइस फाइनेंसियल सर्विसेज के इस सर्वे के बारे में पूछे जाने पर माकपा सेंट्रल कमेटी के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि जनता का तृणमूल सरकार से मोहभंग होना ही था. उद्योग जगत से लेकर आम लोगों तक समाज के सभी वर्ग का इस सरकार से मोहभंग हुआ है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इसका असर दिखेगा.
तृणमूल कांग्रेस ने रिपोर्ट खारिज की
पूर्व केंद्रीय मंत्री व तृणमूल सांसद सुलतान अहमद ने एडेलवाइस के सर्वे की रिपोर्ट खारिज करते हुए कहा : यह निष्कर्ष पूरी तरह से फरजी है. पंचायत चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद सभी को पता चल जायेगा कि सर्वे का निष्कर्ष कितना निराधार होता है.