कोलकाता: एनआरएस अस्पताल में मानसिक विकलांग की हत्या की सही जांच की मांग पर विकलांग दिवस के अवसर पर बुधवार को विकलांगों ने कानून तोड़ो आंदोलन किया. रानी रासमणि रोड में आयोजित कानून तोड़ो आंदोलन में विकलांगों ने अपनी विभिन्न मांगों को भी सरकार के सामने रखा.
करीब दो घंटे तक सभा के अंत में विकलांगों ने आरआर एवेन्यू के समक्ष कानून तोड़ो आंदोलन किया. पुलिस का कहना है कि इस दौरान विकलांग उग्र हो गये और घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ उलझ पड़े, जबकि विकलांगों का कहना है कि आंदोलन को दबाने के लिए व उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. कई विकलांग घायल हो गये.
विकलांगों पर लाठीचार्ज की खबर फैलते ही धर्मतल्ला इलाके में उत्तेजना फैल गयी. सभा में शामिल माकपा नेता व सुंदरवन मामलों के पूर्व मंत्री कांति गांगुली ने बताया कि पुलिस से पहले ही कानून तोड़ो आंदोलन की अनुमति ली गयी थी. इसके बावजूद पुलिस ने निर्दयता पूर्वक विकलांगों पर लाठीचार्ज किया. विकलांगों के कार्यक्रम के कारण बुधवार को धर्मतल्ला में जाम की स्थिति पैदा हो गयी. इससे यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने हालात को काबू में किया.
वहीं इस मामले में कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्र ने विकलांगों की सभा में लाठाचार्ज की बात को खारिज किया. उन्होंने कहा कि कानून तोड़ो आंदोलन को काबू में करने के दौरान कुछ समय के लिए धक्का-मुक्की हुई, लेकिन कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया. कानून तोड़ने के दौरान 25 लोगों को गिरफ्तार कर घटनास्थल पर ही सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया.