कूचबिहार: उत्तर बंगाल में इंसेफलाइटिस के बाद एक बार फिर एक अज्ञात बीमारी ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. खासकर छोटे बच्चे इस बीमारी का निशाना बन रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, कूचबिहार जिले के विभिन्न इलाकों में इस अंजाने बीमारी ने अपना पैर पसार लिया है. खासकर छोटे-छोटे शिशु इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
कूचबिहार का एकमात्र जिला अस्पताल एमजेएन अस्पताल में इन दिनों इस बीमारी से ग्रस्त रोगियों का तांता लगा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रोगियों की इस बढ़ती तादाद के कारण अस्पताल प्रबंधन का पसीना छुटा हुआ है, क्योंकि जितनी अधिक तादाद में रोगियों की भरती हो रही है, उसके मुकाबले बेडों की संख्या काफी कम है.
एमजेएन अस्पताल के अधीक्षक जयदेव बर्मन का कहना है कि महकमा अस्पतालों में रोगियों की चिकित्सा न कर सीधे एमजेएन अस्पताल में रेफर कर देना सही नहीं है. यहां जितनी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध हैं, उसके तहत इतनी अधिक तादाद में पीड़ित रोगियों की चिकित्सा संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कई बच्चों को तो मामूली सर्दी-बुखार है और महकमा अस्पतालों में ही डॉक्टर इसकी चिकित्सा कर सकते हैं. दूसरी तरफ अपने बच्चों को अस्पताल में भरती करने आये विभिन्न अभिभावकों का कहना है कि महकमा अस्पताल में डॉक्टरों के नहीं रहने के कारण परेशानी बढ़ी है. एक अभिभावक ने बताया कि दिनहाटा महकमा अस्पताल के काफी डॉक्टर इन दिनों छुट्टी पर हैं. दुर्गा पूजा की छुट्टी पर दो डॉक्टर घर गये थे, वह अभी नहीं लौटे हैं. इसकी वजह से अस्पताल के कर्मचारी पीड़ित बच्चों को सीधे कूचबिहार अस्पताल रेफर कर देते हैं.
इस बीच, जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सुभाशीष साहा का कहना है कि विभिन्न अस्पतालों से बगैर चिकित्सा के ही रोगियों को कूचबिहार एमजेएन अस्पताल रेफर कर देने की शिकायत उन्हें मिली है और वह इस पूरे मामले पर गौर कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मौसम में बदलाव के कारण इन दिनों छोटे बच्चों में सर्दी-खांसी एवं बुखार की शिकायत आम है. इसका मतलब यह नहीं कि बच्चे को कोई गंभीर बीमारी हो गयी है.
तीन दिन में 115 बच्चे अस्पताल में भरती
परिणामस्वरूप एक ही बेड पर तीन-तीन, चार-चार रोगियों की भरती की जा रही है. अस्पताल सूत्रों ने बताया है कि पिछले तीन दिनों के दौरान यहां करीब 115 शिशुओं की भरती हुई है. अधिकांश पीड़ित शिशुओं की उम्र छह माह से लेकर दो वर्ष तक है. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि जिले के विभिन्न महकमा तथा ब्लॉक अस्पतालों से रोगियों को एमजेएन अस्पताल में रेफर करने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण स्थिति गंभीर हुई है. दिनहाटा, तूफानगंज, माथाभांगा आदि इलाकों से सर्दी-खांसी, बुखार तथा पेट की गड़बड़ी से पीड़ित बच्चों को इस अस्पताल में रेफर किया जा रहा है.