कोलकाता: किसी भी राज्य के ग्रामीण विकास में बीडीओ अधिकारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि उनकी वजह से ही ग्रामीण व पंचायत क्षेत्रों में विकास कार्य होता है.
इसलिए राज्य के डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को और दक्ष बनाने के लिए उनको प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य के डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को चरणों के आधार पर सिंगापुर के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के पास प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजा जायेगा.
यह बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा के शरत सदन में डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के वार्षिक आम सभा के दौरान कहीं. डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के लिए नयी सुविधाओं की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों की आठ वर्ष में सह सचिव और 16 वर्ष में उप सचिव के पद पर पदोन्नति होती थी, लेकिन अब से आठ वर्ष के अंदर ही इनको उप सचिव के रूप में पदोन्नति दी जायेगी. इसके अलावा आइपीएस अधिकारियों की भांति नौकरी के आठ वर्ष के अंदर उनके वेतन की अतिरिक्त बढ़ोतरी की जायेगी और 16 वर्ष के कार्यकाल में और दो बार अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संयुक्त सचिव के पद पर फिलहाल 165 डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी कार्यरत हैं और 50 अधिकारियों को बहुत जल्द राज्य सरकार द्वारा संयुक्त सचिव बनाया जायेगा. इसके अलावा फिलहाल सिर्फ दक्षिण दिनाजपुर में जिलाधिकारी के पद पर डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी हैं, जिन्हें पदोन्नति कर डीएम बनाया गया है. अब और दो जिलों में डब्ल्यूबीसीएस के अधिकारियों की पदोन्नति कर डीएम बनाने का फैसला किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियम के अनुसार, डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के लिए सर्वोच्च पद विशेष होता है, लेकिन बहुत बेहतर कार्य करने पर डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को किसी भी विभाग का स्वाधीन प्रभार भी दिया जा सकता है. पुलिस ही भांति डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को भी राजारहाट में आवासन व उनके बच्चों के लिए मॉडल स्कूल का निर्माण किया जायेगा.