कोलकाता. राज्य में आलू की समस्या गंभीर होती जा रही है. पश्चिम बंगाल से दूसरे राज्यों को आलू भेजने पर लगी रोक से नाराज उत्तर बंगाल के आलू व्यवसायियों ने बुधवार से बेमियादी हड़ताल पर जाने का एलान किया है.
पश्चिम बंग प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति के महासचिव वरेन मंडल ने कहा कि राज्य में आलू की कमी नहीं है. फिर भी राज्य सरकार ने आलू बाहर भेजने पर रोक लगा दी है.
अगर यह स्थिति जारी रही तो आलू व्यवसायियों को काफी नुकसान होगा. इसलिए उत्तर बंगाल के व्यापारियों ने शीतगृहों से आलू नहीं उठाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि उत्तर बंगाल के 18 शीतगृहों में अब भी 2,62,420 मीट्रिक टन आलू का स्टॉक है. दूसरी ओर राज्य सरकार ने सभी कोल्ड स्टोरेज के मालिकों को अगस्त महीने के अंत तक वहां के कुल स्टॉक का 20 प्रतिशत आलू बाजार में भेजने का निर्देश दिया है.
अब व्यवसायियों ने आलू उठाने से इनकार कर दिया है. इस हालात में आलू को लेकर सरकार व व्यवसायियों के बीच घमसान का माहौल है. व्यापारियों ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गड़बेता में विरोध प्रदर्शन किया. आलू व्यवसायी अरुण घोष ने कहा कि पुलिस चंद्रकोणा व बेलदा आदि से आलू लेकर झारखंड जा रहे ट्रकों को रोक रही है. इन ट्रकों को कोलकाता भेजा जा रहा है. इससे आलू व्यवसायियों को नुकसान हो रहा है. श्री मंडल ने कहा कि बुधवार को बर्दवान में बैठक बुलायी गयी है. इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जायेगी. दूसरी ओर, राज्य सरकार अपने फैसले पर बरकरार है. कृषि मंत्री पुर्णेदू बसु ने राज्य सचिवालय नवान्न भवन में मंगलवार को साफ कर दिया कि दूसरे राज्यों को आलू भेजने पर रोक का फैसला बरकरार रहेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक लगभग 250 आलू लदे ट्रक जब्त किये हैं. वहीं, मिलन मेला प्रांगण में जब्त किये गये आलू के लिए संरक्षण केंद्र बनाया गया है. मिलन मेला में रखे गये आलू सड़ रहे हैं. इस पर व्यवसायियों ने नाराजगी जतायी है. इस बीच, कोलकाता के बाजारों में ज्योति आलू की कीमत प्रति किलोग्राम 20 रुपये तथा चंद्रमुखी आलू की कीमत 24 रुपये हो गयी है. वहीं, सरकारी दर पर निगम के बाजारों में 14 रुपये की दर से आलू बिक रहा है, लेकिन आलू खराब होने के कारण कोई उसे खरीद नहीं रहा है.