कोलकाता: राज्य सरकार के तानाशाही रवैये व पुलिस के टैक्सी चालकों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन सात अगस्त को अपनी ताकत दिखायेगा. टैक्सी संगठन के समर्थक व टैक्सी चालक सड़क पर उतर कर राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे. सात अगस्त को धर्मतल्ला के वाइ चैनल से कॉलेज स्क्वायर तक जुलूस निकाला जायेगा.
इस जुलूस में महानगर के एटक समर्थित टैक्सी चालकों के साथ-साथ अन्य टैक्सी संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है. सोमवार को एटक कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन (एटक) के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने यह घोषणा की.
इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष एकराम खान, कार्यकारी अध्यक्ष अवनीश शर्मा, संयुक्त सचिव दिलीप महतो, सह सचिव मुकेश तिवारी, अमित सिंह व समीर खान व कोलकाता टैक्सी वर्कर्स यूनियन (सीटू) के महासचिव रघुनाथ पांडेय उपस्थित थे. श्री श्रीवास्तव ने बताया कि उनका संगठन टैक्सी रिफ्यूजल के सख्त खिलाफ है, लेकिन टैक्सी रिफ्यूजल के नाम पर टैक्सी ड्राइवरों पर तीन हजार रुपये से पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाना अमानवीय है. फाइन के भय से महानगर में लगभग 20 फीसदी टैक्सी ड्राइवरों ने टैक्सी चलाना ही बंद कर दिया है.
परिवहन विभाग को टैक्सी रिफ्यूजल बंद करने के लिए तानाशाही रवैया छोड़ कर मानवीय व लोकतांत्रिक रास्ता अख्तियार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि टैक्सी ड्राइवरों पर पुलिस का जुल्म के खिलाफ व झूठा गवाह खड़ा कर केस दिया जा है. पुलिस अत्याचार के कारण महानगर में 20 से 25 फीसदी टैक्सी नहीं चल रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए नौ अगस्त को बैठक होगी. इस बैठक में भविष्य की रणनीति तय की जायेगी. कोलकाता टैक्सी वकर्स यूनियन (सीटू) के महासचिव रघुनाथ पांडेय ने भी सरकार व पुलिस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि इसके खिलाफ वे लोग एकजुट होकर लगातार आंदोलन करेंगे.