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पश्चिम बंगाल : तस्करी का गेटवे बना सिलीगुड़ी, जानें क्या है वजह

कोलकाता : देश के मानचित्र में पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसकी सीमाएं एक से अधिक देशों से घिरी हैं. इसी का फायदा उठा कर तस्करी से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सक्रिय सदस्यों की संख्या बंगाल में समय के साथ लगातार बढ़ती जा रही है. बात पशु तस्करी की करें या फिर स्वर्ण तस्करी […]

कोलकाता : देश के मानचित्र में पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसकी सीमाएं एक से अधिक देशों से घिरी हैं. इसी का फायदा उठा कर तस्करी से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सक्रिय सदस्यों की संख्या बंगाल में समय के साथ लगातार बढ़ती जा रही है. बात पशु तस्करी की करें या फिर स्वर्ण तस्करी की, नकली नोटों की तस्करी की या फिर ड्रग्स तस्करी की. नकली मसाले की हो या विदेशी सिगरेट की.

तस्कर कोलकाता में तस्करी का माल पहुंचाने के लिए वे सिलीगुड़ी को अपना गेटवे बना रहे हैं. उन पर कार्रवाई करनेवाली केंद्रीय जांच एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) की बात करें या फिर सीमा पर सक्रिय बीएसएफ की गतिविधि को ले लें. तस्करों से निपटने के लिए वे लगातार छापेमारी अभियान चलाती रहती है. डीआरआइ अधिकारियों का कहना है कि राज्य की सीमा से सटे बांग्लादेश, नेपाल व म्यांमार से कुछ ही किलोमीटर के अंदर कोलकाता होने के कारण तस्कर न्यू जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी व दार्जिलिंग से होकर कोलकाता में तस्करी का माल धड़ल्ले से पहुंचा रहे हैं.
हाल ही में उन्होंने न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के निकट से तीन किलो सोने के साथ तस्करों को पकड़ा था. वे बांग्लादेश से यह सोना लेकर आये थे. वहीं म्यांमार सीमा से सटे इलाके से तीन किलो 321 ग्राम सोने के साथ दो म्यांमारी नागरिक को पकड़ा था. वहीं बीएसएफ सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश से सीमा पार कर मालदा व मुर्शिदाबाद से होते हुए स्वर्ण व जाली नोट की तस्करी से जुड़े तस्कर बस व ट्रेन मार्ग से कोलकाता की तरफ तस्करी का माल लेकर जाने की कोशिश में कई बार पकड़े गये हैं.
क्या कहती है पुलिस
कोलकाता: कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा का कहना है कि महानगर में किसी भी तरह की तस्करी से जुड़े गिरोह के खिलाफ जानकारी मिलने के साथ ही वे इसके खिलाफ अभियान चलाते हैं. हाल ही में कोलकाता के हेस्टिंग्स, वेस्टपोर्ट व शेक्सपीयर सरणी जैसे इलाकों से भारी मात्रा में ड्रग्स टैबलेट के साथ सप्लायरों को गिरफ्तार किया गया है. महानगर के विभिन्न अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के आसपास सक्रिय ड्रग्स तस्करों के खिलाफ भी लगातार एंटी नारकोटिक्स टीम कार्रवाई करती रहती है. यही नहीं सभी थानों की पुलिस अपने इलाकों में जाली नोट, तस्करी का सोना, याबा टैबलेट व गांजा सप्लायरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाती रहती है. गिरफ्तार होने के बाद ये तस्कर जेल हिरासत में ज्यादा दिनों तक रहें, इसके लिए वे अदालत में आवेदन भी करते हैं.

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