13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तापस के समर्थन में सरकार

आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला कोलकाता : राज्य सरकार ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर करने का फैसला किया, जिसमें महिलाओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद तापस पॉल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज […]

आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला

कोलकाता : राज्य सरकार ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर करने का फैसला किया, जिसमें महिलाओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद तापस पॉल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और इस मामले की सीआइडी जांच का निर्देश दिया गया था.

विधि मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने यहां बताया : अपील दायर करने का फैसला किया गया है. अभिनेता से सांसद बने पॉल भी आदेश के खिलाफ अपील दायर करने जा रहे हैं. उधर, पॉल के वकील राजदीप मजुमदार ने कहा : हम भी अपील दायर करेंगे.

आज दायर हो सकती है अपील

अपील बुधवार को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष दायर किये जाने की संभावना है, क्योंकि न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कल अपने आदेश में निर्देश दिया था कि आदेश के अदालत की वेबसाइट पर अपलोड होने के 72 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की जाये.

क्या है मामला : चुनावी रैलियों में महिलाओं और विपक्षी पार्टी समर्थकों के खिलाफ पॉल की टिप्पणी पर सीआइडी जांच की मांग करने वाली याचिका पर आदेश सुनाते हुए न्यायमूर्ति दत्ता ने राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिस की भूमिका के बारे में कठोर टिप्पणी की थी.

क्या है कोर्ट का निर्देश

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने निर्देश दिया था कि उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल सरकार के इस रख के मद्देनजर जांच की निगरानी करेगा कि शिकायत किसी संजोय अपराध का खुलासा नहीं करती है और राज्य ने सांसद का समर्थन करने का प्रयास किया. न्यायमूर्ति दत्ता ने नदिया जिले में नक्शीपाड़ा थाने के प्रभारी निरीक्षक से कहा कि याचिकाकर्ता बिप्लब चौधरी की एक जुलाई की शिकायत को प्राथमिकी माना जाए. चौधरी पाल के नदिया जिले में स्थित कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र के निवासी हैं.

अदालत ने राज्य के डीजीपी को यह भी निर्देश दिया कि आदेश को उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के 72 घंटे के भीतर मामले को डीआईजी, सीआईडी को सौंप दिया जाए. न्यायमूर्ति दत्ता ने सीआईडी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह एक सितंबर तक जांच की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दायर करे.

पाल ने इस विवाद के बाद एक खुले पत्र में अपने बयान के लिए मीडिया और जनता से बिना शर्त माफी मांगी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें