मालदा : मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में शिशुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 24 घंटे में यहां सात शिशुओं की मौत हुई है. मृत सभी शिशु नवजात थे. इनकी उम्र एक दिन से 20 दिनों के बीच थी. जून महीने में मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में 27 शिशुओं की मौत हुई थी. इस घटना का घाव अभी भरा भी नहीं था कि फिर से सात शिशुओं की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है.
यह भी उल्लेखनीय है कि जब इस अस्पताल में सात शिशुओं की मौत की घटना घटी, तब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ शैबाल मुखर्जी व वाइस प्रिंसिपल एमए रशीद दोनों ही राज्य के बाहर हैं. मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के उपाधीक्षक ज्योतिष दास ने बताया कि जिन नवजात बच्चों की मौत हुई है, उनमें से किसी का भी जन्म मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में नहीं हुआ.
कम वजन के नवजात बच्चों को नाजुक हालत में मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में लाया गया था. इन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गयी, लेकिन इन्हें बचाया नहीं जा सका. दूसरी ओर शिशुओं के माता-पिता ने अपने बच्चों की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को ही दोषी ठहराया है. मृत एक शिशु की मां ने बताया कि बड़ी उम्मीद से बच्ची को यहां लेकर आयी थी, लेकिन भरती करने के बाद से दिनभर में एक भी चिकित्सक उसे देखने नहीं आया.
शुक्रवार रात को एक बार चिकित्सक जांच के लिये आये थे. आज सुबह उनकी बच्ची की मौत हो गयी. दूसरे अभिभावकों का कहना है कि अस्पताल की हालत काफी खराब है. एक बेड में दो से तीन बच्चें व उनकी मांओं को रख दिया जाता है. नर्सो का व्यवहार बहुत ही खराब है.