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भारत विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रहा बांग्लादेश

कोलकाता: बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने दावा किया है कि बांग्लादेश अपनी धरती पर किसी भी तरह की भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है और ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. हालांकि बीजीबी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसकी धरती पर भारत विरोधी […]

कोलकाता: बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने दावा किया है कि बांग्लादेश अपनी धरती पर किसी भी तरह की भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है और ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

हालांकि बीजीबी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसकी धरती पर भारत विरोधी फिदायीन शिविरों का संचालन हो रहा है. बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स (बीएसएफ) के अधिकारियों के साथ बैठक करने आये बीजीबी प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे एडीजी बिग्रेडियर जनरल मोहम्मद लतीफुल हैदर ने दावा किया कि उन्होंने न तो ऐसे शिविरों के बारे में सुना है और न ही उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी है. उन्होंने कहा कि हम अपनी धरती पर किसी भी प्रकार की भारत विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. हाल ही में हम लोगों ने भारत की सीमा पर सिलहट में हथियारों का एक बड़ा जखीरा पकड़ा था. ऐसी बातों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. ब्रिगेडियर हैदर के अनुसार इसी महीने त्रिपुरा की सीमा से लगे जंगल में लगभग 200 टैंक रोधी रॉकेट गोले जब्त किये गये थे.

2004 में चटगांव के बाद अवैध हथियारों की यह सबसे बड़ी जब्ती थी. भारत में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए क्या यह हथियार भारत भेजे जा रहे थे, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसे हो सकता है, पर अभी इस बारे में जांच चल रही है. तब तक कुछ कहना ठीक नहीं होगा, पर हम लोग बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधि की इजाजत नहीं दे सकते हैं. हथियारों के इस भंडार में शामिल संगठन के बारे में पूछे जाने पर बिग्रेडियर हैदर ने कहा कि इसके पीछे भारत विरोधी तत्व हो सकते हैं, पर शायद वह भारत के अंदर से अपना काम कर रहे हैं. भारत जब इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते है तो वह सीमा पार कर बांग्लादेश चले जाते हैं और जब बांग्लादेश उनके खिलाफ अभियान चलाता है तो वह फिर भारत लौट आते हैं. पर आतंकी संगठन हूजी एवं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इसके पीछे होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. हाल ही में महानिदेशक स्तर की वार्ताओं के दौरान बीएसएफ ने बीजीबी को भारतीय उग्रवादी समूहों के 45 शिविरों की एक सूची दी थी. बीएसएफ के एडीजी बीडी शर्मा ने बताया कि हमने उन्हें भारतीय उग्रवादी समूहों के 45 शिविरों की सूची दी है जो भारत-बांग्लादेश सीमा के पूर्वोत्तर में बांग्लादेश के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके के पांच से 15 किलोमीटर के दायरे में, खास तौर पर चटगांव की पहाड़ियों में सक्रिय हैं. श्री शर्मा के अनुसार यह शिविर पूर्वोत्तर में सक्रिय भारतीय उग्रवादी समूहों के हैं.

उन्होंने कहा कि बीएसएफ और बीजीबी के रिश्ते इस समय बहुत अच्छे हैं. बीजीबी ने हमेशा से 4096 किलोमीटर की भारत-बांग्ला सीमा पर बलों की तैनाती के लिए बीएसएफ को पूरा सहयोग दिया है. भारत-बांग्लादेश सीमा का 25 प्रतिशत भाग नदी वाला हिस्सा है. बीएसएफ द्वारा किए गए 45 शिविरों के दावे पर बिग्रेडियर हैदर ने कहा कि बीएसएफ जिन्हें शिविर कह रहा है, वह उग्रवादियों के कुछ ऐसे समूह होते हैं, जो एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं. चटगांव की पहाड़ियों के इलाके निर्जन हैं और वे लोग इसका लाभ उठाते हैं. दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने सुंदरवनों के सुदूर द्वीपों पर भी गश्त बढ़ा दी है. यहां डकैत सक्रिय हैं.

बीजीबी ने भारत-बांग्ला सीमा से घुसपैठ रोकने के लिए तैनात जवानों की संख्या बढ़ा दी है और बीएसएफ के साथ सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त गश्त पर जोर दिया है. बिग्रेडियर हैदर ने कहा कि हमने खुफिया एजेंसियों के साथ सहयोग बढ़ाया है और घुसपैठ से निबटने के लिए नए उपकरण खरीदे हैं.’

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