कोलकाता: राज्य में हो रही राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर रोक के लिए वाम मोरचा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कुछ समय की मोहलत दी है. यदि वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले नहीं थमे तो लेफ्ट के लोग सड़क पर उतर कर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे.
यह कहना है वाम मोरचा के चेयरमैन बिमान बसु का. वह मंगलवार को पत्रकारों से मुखातिब थे.
श्री बसु ने कहा कि राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर रोक के लिए सोमवार को वाममोरचा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला व उन्हें ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में 14 मई 2011 से 20 मई 2014 के बीच वामपंथी नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हुए तमाम हमलों का ब्योरा दिया गया. साथ ही आठ सूत्री मांग भी की गयी है. राज्य में बढ़ रही राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को लेकर वाम मोरचा की ओर से सर्वदलीय बैठक का सुझाव दिया गया है. श्री बसु ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के बाद कई मुद्दों का समाधान निकल सकता है.
लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए : येचुरी
उधर, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए. इस बीच, प्रदेश एटक के सचिव व वरिष्ठ परिवहन श्रमिक नेता नवल किशोर श्रीवास्तव का कहना है कि राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को लेकर यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ठोस कदम उठाती हैं तो यह सराहनीय होगा. उन्होंने श्रमिकों व श्रमिक संगठनों पर होने वाले हमलों का जिक्र करते हुए मांग की है कि मुख्यमंत्री को तमाम श्रमिक संगठनों के साथ भी बैठक कर हमले की घटनाओं पर अंकुश के लिए कदम उठाने चाहिए और राज्यवासियों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए.