– आसनसोल से जीते बाबुल
– हार से बौखलायीं ममता ने मांगा मलय से इस्तीफा
– चुनाव प्रचार की शुरुआत से ही प्रत्याशी दोला से नहीं पटती थी
आसनसोल : आसनसोल संसदीय क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की हैवीवेट प्रत्याशी दोला सेन की हार होते ही पार्टी नेतृत्व की गाज सबसे पहले कैबिनेट मंत्री व आसनसोल नॉर्थ क्षेत्र से विधायक मलय घटक पर गिरी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा है. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. सूत्रों का कहना है कि क्षेत्र के चार अन्य विधायकों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन पर भी गाज गिर सकती है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस लोकसभा क्षेत्र के सात में से पांच विधानसभा क्षेत्रों में तृणमूल के ही विधायक है. इनमें सभी में पार्टी प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिल पायी है. श्री घटक के क्षेत्र आसनसोल नॉर्थ से 25 हजार, मेयर तापस बनर्जी के क्षेत्र आसनसोल दक्षिण से 21 हजार, कुल्टी नगरपालिका अध्यक्ष उज्जवल चटर्जी के क्षेत्र कुल्टी से 40 हजार, विधायक विधान उपाध्याय के क्षेत्र बाराबनी से एक हजार व विधायक सोहराब अली के क्षेत्र रानीगंज से 13 हजार मतों की बढ़त भाजपा को मिली है. पार्टी को पांडेश्वर में बढ़त मिली है. यहां माकपा के विधायक हैं.
पार्टी प्रत्याशी दोला सेन शुरुआत से ही श्री घटक को अपने विश्वास में नहीं ले पा रही थीं. इसके कारण दोनों के बीच विवाद की जानकारी निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के पास जाती रही. इस कारण शुरू से ही टीम नहीं बन पायी थी. आसनसोल सहित पूरे बर्दवान जिले में श्री घटक का दबदबा माना जाता है. पार्टी स्थापना के समय से ही वह ममता के साथी रहे हैं. बुरे दिनों में भी पार्टी की काफी सेवा की थी. हार से बौखलायीं सुश्री सेन ने पार्टी नेतृत्व से उनकी शिकायत की. पार्टी के कोई नेता यहां तक कि सुश्री सेन भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर रही हैं. अन्य विधायक भी काफी परेशान हैं.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है, जबकि वाम मोरचा को करारा झटका लगा है. राज्य में लोकसभा की कुल 42 सीटों में से 34 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब रही, जबकि कांग्रेस को चार सीटें ही मिलीं. भाजपा व वाम मोरचा को दो-दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा.
2009 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पास 19 सीटें थीं, जबकि वाम मोरचा के पास 15 व कांग्रेस के पास छह सीटें थीं. भाजपा व एसयूसीआइ के पास एक-एक सीट थी. इस लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 15 सीटों का फायदा हुआ है, जबकि वाम मोरचा को 13 व कांग्रेस को दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. दूसरी ओर, भाजपा की सीटों संख्या एक से बढ़ कर दो हो गयी है.
सबसे अधिक वोट अंतर से जीते अधीर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी सबसे अधिक 3, 56, 275 मतों के अंतर से विजयी रहे. श्री चौधरी को कुल 5,83,193 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस को 226918 मत मिले.
रायगंज से माकपा के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम ने निवर्तमान सांसद दीपा दासमुंशी को मात्र 1168 मतों से पराजित किया. मोहम्मद सलीम को 306423 व दीपा दासमुंशी को 315207 मत मिले. हुगली लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की रत्ना डे ने माकपा के प्रदीप साहा को 1,89,058 मतों के अंतर से पराजित किया. तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी राय ने बीरभूम लोकसभा सीट पर माकपा के इलाही मोहम्मद को 67,120 मतों से हरा दिया. यादवपुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के सुगत बोस ने माकपा के सुजन चक्रवर्ती को 1,25,440 मतों से हराया. तृणमूल कांग्रेस के सुनील मंडल ने बर्दवान पूर्व लोकसभा सीट पर माकपा के ईश्वरचंद्र दास को 1,18,373 मतों से हराया. दमदम लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने माकपा के असीम दासगुप्ता पर 1,55,631 मतों से जीत दर्ज की है.
जयनगर लोकसभा सीट से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिमा मंडल ने आरएसपी के सुभाष नस्कर को 1,08,419 मतों से पराजित किया. तृणमूल कांग्रेस के शुभेंदु अधिकारी ने तमलुक सीट पर जीत दर्ज कर ली है. उन्होंने माकपा के शेख इब्राहिम अली को 2,45,611 मतों से पराजित किया. बांकुड़ा से तृणमूल उम्मीदवार मुनमुन सेन ने माकपा के बासुदेव आचार्य को पराजित किया.
बंगाल में नतीजे
कुल सीटें : 42
पार्टी सीटें
तृणमूल 34
कांग्रेस 04
भाजपा 02
वाम मोरचा 02