सिलीगुड़ी: भाजपा ने गोरखालैंड के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के कठोर रुख की हवा निकालते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राजग सरकार में मंत्री के तौर पर छोटे राज्यों को बनाने का समर्थन किया था.
भाजपा के उपाध्यक्ष सुरिंदर सिंह अहलूवालिया ने यहां एक चुनावी सभा में दावा किया : ममता बनर्जी अलग राज्य के गठन का समर्थन सिर्फ अभी नहीं कर रही हैं, बल्कि उस समय भी कर रही थीं, जब वह राजग सरकार में मंत्री थीं. दार्जिलिंग लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और गोरखा जनमुक्ति मोरचा द्वारा समर्थित अहलूवालिया ने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों का गठन राजग शासनकाल के दौरान हुआ था. वहीं पार्टी ने हाल में तेलंगाना के गठन का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि भले ही गोरखा जनमुक्ति मोरचा कोलकाता में 30 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस की रैली में शामिल हुआ था, लेकिन उसने गोरखालैंड की मांग के साथ ऐसा किया था.
उन्होंने कहा कि तृणमूल गोरखा जनमुक्ति मोरचा के खिलाफ हो गया है, क्योंकि उसने सुशासन के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का समर्थन करना शुरू कर दिया है.
ममता के भाजपा पर धन बल के जरिये राज्य का विभाजन करने के आरोप का खंडन करते हुए अहलूवालिया ने तृणमूल कांग्रेस के कोष के स्नेत पर सवाल उठाये.
उन्होंने कहा : यह बात जाननी चाहिए कि तृणमूल को इतना पैसा कहां से मिल रहा है. हवाई चप्पल पहनने से धन कहां से मिलेगा.
इससे पहले श्री अहलूवालिया गुरुद्वारा में पत्नी मोनिका और तीन बेटों महर, रौनक व रमन के साथ मत्था टेका व सिलीगुड़ी में चुनावी बिगुल फूंका. गुरुद्वारा से उन्होंने जनसंपर्क अभियान शुरू किया, जो देर रात तक जारी रहा. गुरुद्वारा से वह इस्कॉन मंदिर गये और वहां भगवान कृष्ण की अराधना की. वहां से बर्दवान रोड स्थित शिल्पांचल भवन में सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को भाजपा के बारे में बताने को कहा. इस दौरान माकपा व तृणमूल से बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए.
चुनाव कुश्ती का अखाड़ा नहीं, लोकतंत्र का महापर्व है
एसएस अहलूवालिया ने कहा : ममता कहती हैं, जो हमसे टकरायेगा, चूर-चूर हो जायेगा. ममता को इस तरह की टिप्पणी करने से पहले यह जानकारी होनी चाहिए कि यह लोकतंत्र का महापर्व है न की कुश्ती का अखाड़ा. श्री अहलूवालिया शुक्रवार को सिलीगुड़ी के गुरुद्वारा में संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं न तो खिलाड़ी हूं और न ही योद्धा. मैं केवल जनता का हिमायती नेता हूं.