राजस्थान के नगवार जिला के डीडेवाना थाना अंतर्गत ठकरेश गांव का बािशंदा मास्टर माइंड पप्पू ने ही ठेकेदार की हत्या के लिये तीन अपराधियों को सुपारी दी थी.घटना को अंजाम देने के लिये उसने दीपक चौहान, गजेंद्र सिंह एवं गोपाल राम को राजस्थान से दुर्गापुर भेजा था. 15 अप्रैल 2015 को दुर्गापुर के विधाननगर इस्पात पल्ली के आवास में ठेकेदार रामबाबू बेरा की चाकुओं से गोद कर हत्या कर आरोपी फरार हो गये थे.
सीआइडी ने मामले का खुलासा करते हुये बताया कि हत्या के दिन पप्पू दुर्गापुर में ही डेरा डाले हुये था. घटना को अंजाम देने के बाद तीनों अपराधी विधाननगर से ऑटो पकड़कर स्टेशन गये थे. पप्पू उन्हें वहां से ट्रेन से आसनसोल ले गया. नियामतपुर में रंगरेिलाय मनाते आसनसोल की पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था. लेिकन चंद रुपए देकर चारों छूट गए एवं ट्रेन से सभी फरार हो गये. घटनास्थल से बरामद बैग तथा इस्तेमाल िकये गये चाकू एवं मोबाइल सिम के जरिये ही जांच प्रक्रिया शुरू की गयी थी. करीब दो साल के लंबे प्रयास के बाद प्रथम गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के सकलडीहा निवासी दीपक चौहान के तौर पर हुई.
घटनास्थल से बरामद सिम दीपक के ही थे. एमईआई नंबर का फोन दीपक चौहान के पास ही मिला जिसे जांच प्रक्रिया टीम को काफी सफलता मिली. लंबी पूछताछ के बाद हत्याकांड से परदा हटा और पप्पूराम का नाम सामने आया. पप्पूराम और रामबाबू के बीच दूर के रिश्ते में चाचा-भतीजा का संबंध था. रामबाबू बेरा के ममेरे भाई का पप्पू राम पुत्र है.
पप्पूराम चाचा के पास ही दुर्गापुर में रहकर काम किया करता था . रामबाबू बेरा का एक हाथ कट गया था. वह पप्पू को बेटे की तरह प्यार करते थे. पप्पू उनके घर में ही रहता था. राम बाबू के पास लाखों की संपत्ति देखकर उसके मन का शैतान जग गया था. कुछ दिन काम करने के बाद मामूली बात को लेकर गुस्सा हो अपने गांव लौट गया.वहां सुपारी किलर गजेंद्र सिंह, गोपाल राम एवं दीपक चौहान के साथ संपर्क किया. 10 हजार रुपया एडवांस देकर तीनों सुपारी किलरों को दुर्गापुर लेकर आया और 15 अप्रैल को उन्होंने घर में सो रहे रामबाबू बेरा की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी.