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तृणमूल कांग्रेस का घोषणापत्र जारी, चुनाव सुधार पर जोर

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र शनिवार को जारी कर दिया गया. पार्टी के घोषणापत्र में लंबे-चौड़े वायदे किये गये हैं. प्रशासनिक, न्यायिक व चुनाव सुधार की बात कही गयी है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है तो किसानों […]

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र शनिवार को जारी कर दिया गया. पार्टी के घोषणापत्र में लंबे-चौड़े वायदे किये गये हैं. प्रशासनिक, न्यायिक व चुनाव सुधार की बात कही गयी है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है तो किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं होगा.

भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और माकपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने जनता में अपना विश्वास खो दिया है. सबको रोटी, कपड़ा और मकान मुहैया करना ही हमारा ध्येय है. चुनावी घोषणापत्र प्रगतिशील भारत के लिए है. तृणमूल का घोषणापत्र जन-हितैषी है. तत्काल प्रभाव से चुनाव सुधार की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चुनाव का खर्च वहन करने की वह अरसे से मांग कर रही हैं.

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह जरूरी है. यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होगी. उन्होंने सवाल उठाया कि विश्व के कई देशों में चुनाव का खर्च सरकार वहन करती है तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता.

राजनीतिक पार्टियों पर निशाना
ममता ने कहा कि कई ऐसी पार्टियां हैं, जो खुद के गरीब होने का दावा करती हैं, लेकिन करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर रही हैं. कुछ न कुछ गलत हो रहा है. ऐसा कैसे हो सकता है कि जिनकी संपत्ति एक करोड़ की थी, वह बढ़ कर कुछ वर्षो में 1000 करोड़ की हो गयी. माना जा सकता है कि उसके नेताओं, कार्यकर्ताओं ने मेहनत करके उसे 15-20 या फिर 30 करोड़ कर लिया, लेकिन एक हजार करोड़ कैसे किया जा सकता है.

राजनीतिक दलों द्वारा डिनर पार्टी के जरिये धन इकट्ठा करने के मुद्दे पर उनका कहना था कि यह कैसी राजनीति है. डिनर करने गये तो लाखों रुपये देना होगा. चाय पीने गये तो कुछ हजार, नॉन वेज-वेज के लिए चंदे के अलग कोटे हैं. नरेंद्र मोदी का नाम लिये बगैर उनका कहना था कि नयी रीति देखी जा रही है कि सभा में पहली पंक्ति में बैठने पर एक लाख रुपये देने होंगे. दूसरी पंक्ति के लिए 50 हजार रुपये और तीसरी पंक्ति में बैठने के 10 हजार रुपये लगेंगे. यह कैसी राजनीति है. यूपीए सरकार को उन्होंने भ्रष्टाचार की सरकार और भाजपा को दंगों की पार्टी करार दिया. माकपा के शासनवाले राज्य की खस्ता हालत का भी उन्होंने जिक्र किया.

घोषणापत्र में वादे ही वादे

घोषणापत्र में न्यायिक व प्रशासनिक सुधार का वादा किया है. देश की मौलिक परंपराओं व विश्वास की रक्षा करने और युवाओं के साथ काम करने की बात कही गयी है. गरीब किसानों के लिए ऋण माफी योजना और उनके बच्चों के लिए विशेष योजनाओं की बात कही गयी है. जबरन जमीन अधिग्रहण सरकार नहीं करेगी. आदिवासियों को वनों का अधिकार दिया जायेगा. राष्ट्रीय राजमार्गो का संपर्क उन्नत करने, नयी ऊर्जा नीति, रेन वाटर हारवेस्टिंग, बेहतर कर प्रणाली का वादा किया गया है. युवाओं को रोजगार मुहैया करने के लिए ‘टैलेंट बैंक’ बनाये जायेंगे. घोषणापत्र में आर्सेनिक मुक्त पेयजल देने की भी बात कही गयी है. रोजगारपरक शिक्षा नीति के लिए विशेषज्ञ कमेटी बनाने का वादा घोषणापत्र में किया गया है.

अल्पसंख्यकों के सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण के लिए विशेष जोर दिया जायेगा.

भाषायी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जायेगा.

पिछड़ी जाति के सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण के लिए विशेष जोर. इनमें दलित, आदिवासी व ओबीसी हैं.

एससी, एसटी व ओबीसी के लंबित जाति प्रमाणपत्रों को पूरा करने के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा.

देश की सभी स्थानीय भाषाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.

महिला सशक्तीकरण की दिशा खासकर कन्या शिशु के सशक्तीकरण के लिए विशेष जोर दिया जायेगा.

मौजूदा आर्थिक नीतियों पर पुनर्विचार करके रोजगार का सृजन किया जायेगा.

महंगाई को काबू में करना मुख्य प्राथमिकता होगी.

पार्टी रिटेल, बीमा में एफडीआइ के खिलाफ है.

लोगों के प्रति प्रशासन को अधिक जवाबदेह बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार किये जायेंगे.

स्तरों में ई-ढांचा बनाया जायेगा.

भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए हर राज्य में लोकपाल व लोकायुक्त होगा.

पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत किया जायेगा.

चुनावों की फंडिंग सरकार द्वारा होनी चाहिए.

न्यायिक सुधार के लिए रिव्यू (समीक्षा) कमेटी बनायी जायेगी.

मानवाधिकार हनन के मामलों के लिए मानवाधिकार अदालतें गठित की जायेंगी.

त्वरित न्याय के लिए देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जायेंगे.

सभी के लिए स्वास्थ्य की दिशा में व्यापक कदम उठाये जायेंगे.

मां और शिशु की देखभाल ‘हेल्थ फॉर ऑल’ के दायरे में प्रमुख होंगे.

तय पारिवारिक आय के नीचे हर सीनियर सिटीजन को नि:शुल्क मेडिकल सेवा दी जायेगी.

समय पर 100 फीसदी ग्रामीण सड़कों के संपर्क को दुरुस्त किया जायेगा.

समूची जनसंख्या को सुरक्षित पेयजल मुहैया किया जायेगा.

युवाओं के लिए टैलेंट बैंक बनाया जायेगा.

त्नदेश भर में नये केंद्रीय विश्वविद्यालय खोले जायेंगे.

देश के चार क्षेत्रों में नये ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीटय़ूट खोले जायेंगे.

मदरसा को अपनी जरूरत पूरा करने और मुख्य धारा में लाते हुए सशक्त किया जायेगा.

विद्यार्थियों को लंबी अवधि के शैक्षिक ऋण दिये जायेंगे.

नेशनल कल्चरल डेवलपमेंट काउंसिल का गठन किया जायेगा.

पहाड़ के लोगों के लिए विशेष योजना लायी जायेगी.

झारखंड में पिछड़ों के उत्थान व राज्य के विकास के लिए विशेष ध्यान दिया जायेगा. उपयुक्त तरीके से उन्हें मुख्यधारा में लाया जायेगा.

पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जायेगा.

किसानों के लिए चावल, जूट आदि की उचित कीमत सुनिश्चित की जायेगी.

किसानों के लिए नयी ऋण नीति बनायी जायेगी.

एमएसएमइ के लिए राष्ट्रीय नीति बनाकर लागू की जायेगी.

नयी आइटी नीति लायी जायेगी.

श्रमिक हितैषी कानून, हाई पावर कमेटी द्वारा बनाये जायेंगे.

देश में जबरन जमीन अधिग्रहण की इजाजत नहीं होगी

नये लैंड बैंक व लैंड यूज नीति लागू की जायेगी.

नयी ऊर्जा नीति लागू कर सभी के लिए बिजली का लक्ष्य हासिल किया जायेगा.

रेनवाटर हारवेस्टिंग और जल वितरण के लिए एक्शन प्लान बनाया जायेगा.

रोजगार परक नयी शिक्षा नीति लागू की जायेगी.

राज्यों का बंटवारा केवल संबंधित राज्यों की मंजूरी के बाद ही होना चाहिए.

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