लखनऊ : सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से कल जारी प्रत्याशियों की सूची एक बार फिर चाचा-भतीजे के बीच कलह की वजह बन सकती है क्योंकि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई और एक अन्य माफिया अतीक अहमद के नामों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सहमति संभवत: नहीं बने.
शिवपाल ने विधानसभा चुनाव के लिए कल 23 उम्मीदवारों की सूची जारी की. अंसारी के भाई एवं कौमी एकता दल के वर्तमान विधायक सिगबततुल्लाह अंसारी को मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. वह फिलहाल इसी सीट से विधायक हैं.कौएद के सपा में विलय का मुख्यमंत्री ने खुलकर विरोध किया था. सूची में एक अन्य विवादित नाम अतीक अहमद का है, जिन्हें सपा ने कानपुर कैण्ट से प्रत्याशी बनाया है. बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी अतीक अखिलेश की काली सूची में हैं और कौशाम्बी की एक रैली में उन्हें मुख्यमंत्री ने मंच से उतार दिया था.फूलपुर से सांसद रह चुके अतीक वर्ष 1999 से 2003 के बीच अपना दल के अध्यक्ष रहे. शिवपाल का कहना है कि जीतने की संभावनाओं और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया गया है.
सपा ने कुछ प्रत्याशी बदले हैं हालांकि पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोपी अमन मणि त्रिपाठी का नाम सूची में बरकरार है.खबर है कि मुख्यमंत्री अमन मणि को नहीं चाहते और उनकी जगह किसी अन्य को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. सपा नेता राम गोपाल यादव ने हाल ही में कहा था कि टिकटों को अंतिम रुप बोर्ड के सदस्य सचिव की ओर से दिया जाता है और यह पद उनके पास है. टिकट वितरण में उनकी बात अंतिम मानी जाएगी.उधर मुख्यमंत्री भी सार्वजनिक रुप से कह चुके हैं कि वह चाहेंगे कि प्रत्याशियों के चयन में उनकी बात मानी जाए.
सपा ने बसपा के कद्दावर नेता एवं मायावती के करीबी नसीमुद्दीन सिद्दीकी के भाई हसनुद्दीन सिद्दीकी को बांदा से उम्मीदवार बनाया है. हसनुद्दीन पहले बसपा से टिकट चाहते थे लेकिन भाई नसीमुद्दीन के इंकार के बाद वह बगावत कर बैठे और सपा में शामिल हो गये. सपा ने वर्ष 2011 में भी उन्हें टिकट दिया था लेकिन अखिलेश की आपत्ति के बाद उनका टिकट काट दिया गया था.बसपा छोड़ सपा में आये अब्दुल मन्नान को भी संडीला से प्रत्याशी बनाया गया है. सपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां के बेटे अब्दुल्लाह आजम को भी सपा ने स्वार सीट से उम्मीदवार बनाया है