लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की ‘उज्ज्वला योजना’ को आज ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार देते हुए रसोई गैस के बजाय सिर्फ कनेक्शन ही मुफ्त दिये जाने को सरकार के दिखावापूर्ण रवैये की निशानी बताया. मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले (बीपीएल) लोगों में से महज पांच करोड को अगले तीन वर्षों में गैस सिलेण्डर देने के लिये उज्ज्वला योजना की शुरुआत गत एक मई को प्रदेश के बलिया जिले से की.
बसपा मुखिया ने कहा कि पहले वर्ष में देश के करीब डेढ करोड लोगों को इस योजना का लाभ देने का इरादा है. यह संख्या बेहद कम है. इसके अलावा 22 करोड की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 80 में से प्रधानमंत्री समेत भाजपा के 73 सांसद हैं. इस लिहाज से उत्तर प्रदेश के हिस्से में उज्ज्वला योजना का थोडा लाभ आ पायेगा. यह योजना उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के लिये भी ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ ही मानी जायेगी.
उन्होंने कहा कि रसोई गैस की सुविधा मुफ्त नहीं देकर, उन्हें केवल गैस कनेक्शन ही मुफ्त दिया जा रहा है, जो कि भाजपा सरकार की इन गरीबों के प्रति उदासीन तथा दिखावटी रवैये को ही उजागर करता है. मालूम हो कि प्रधानमंत्री द्वारा गत एक मई को शुरू की गयी उज्ज्वला योजना के तहत अगले तीन साल में पांच करोड बीपीएल परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जाना है. इसके लाभार्थियों को सामान्य उपभोक्ताओं की तरह अपने खर्च पर ही गैस खरीदनी पडेगी.
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में कुछ लोगों को ई-रिक्शा बांटा है. परन्तु उत्तर प्रदेश के अन्य सभी 79 लोकसभा क्षेत्र का तिरस्कार कर दिया गया. यह प्रदेश के लोगों व क्षेत्रों के साथ भेदभाव नहीं तो और क्या है? उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यही काम कांग्रेस के नेता पहले किया करते थे और अमेठी, रायबरेली आदि क्षेत्र के लोगों का उपकृत करते रहे थे और यही काम यहां सपा सरकार के मुखिया (अखिलेश यादव) भी लगातार करते रहे हैं.