अयोध्या : उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में दीपावली पर्व में भाग लेने भारतीय परिधान साड़ी में पहुंची दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की पत्नी किमजुंग-सुक स्थानीय लोगों में चर्चा का केंद्र बनी रहीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके. वह मंगलवार को अयोध्या पहुंचीं थीं. उन्होंने इस पवित्र नगरी में कई कार्यक्रमों में भाग लिया जिनमें स्थानीय लोगों खासकर युवाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे. जब उनका हेलीकॉप्टर यहां बने रामकथा पार्क के पास उतरा तो लोगों ने उनका जोरदार तालियों से स्वागत किया और ‘जय श्री राम‘ के नारे लगाये. प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने मंगलवार को उनके साड़ी पहनने पर हर्ष व्यक्त किया और उनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टि्वटर पर साझा किया.
मोदी ने कहा, ‘यह अति प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि दक्षिण कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला श्रीमती किमजुंग-सुक अयोध्या की यात्रा पर आयीं और परंपरागत भारतीय परिधान धारण किये. भारत के लोग उनकी इस उदारता की प्रशंसा करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अयोध्या और दक्षिण कोरिया के प्राचीन काल से संबंध रहे हैं. यह कड़ी भारत और दक्षिण कोरिया गणराज्य के मध्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की आधारशिला बनाती है.’
It is a matter of immense joy and pride that Mrs. Kim Jung-sook, First Lady of the Republic of Korea visited Ayodhya and also wore traditional Indian clothing. The people of India deeply appreciate this gesture. @moonriver365 pic.twitter.com/mYUPdUlfmo
— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2018
किमजुंग ने एक कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया. वह चार नवम्बर को भारत आईं थीं. रामकथा पार्क में अपने संबोधन में उन्होंने भारत और कोरिया के ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देश की समृद्धि की कामना की है. उन्होंने अपने संबोधन में महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर का भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा कि वह दिवाली मनाने अयोध्या आने पर बहुत खुश हैं. सियोल वापस लौटने से पहले वह आगरा में ताजमहल देखने भी जायेंगी. उन्होंने अपनी यात्रा की शुरूआत रानी ह्वांग-ओक के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करके की. ह्वांग ओक अयोध्या की राजकुमारी थीं जो कोरिया चली गई थीं. इस राजकुमारी की स्मृति में यहां एक स्मारक भी बनाया गया है.