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Coronavirus Pandemic : लखनऊ के युवक ने तैयार किया ड्रोन सैनिटाइजर, जानें क्या हैं खूबियां

यूपी के लखनऊ में रहने वाले मिलिंद राज ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो हवा में आठ किलोमीटर की दूरी तय कर टारगेट जगह को सैनिटाइज कर सकता है.

लखनऊ : देश और दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच मास्क और सैनिटाइजर की मांग भी लगातार बढ़ रही है. भारत सरकार द्वारा कोरोना के खतरे को रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक जगहों को सैनिटाइज करने पर जोर दिया जा रहा है. इन सबके बीच यूपी के लखनऊ में रहने वाले मिलिंद राज ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो हवा में आठ किलोमीटर की दूरी तय कर टारगेट जगह को सैनिटाइज कर सकता है.

जानकारी के मुताबिक, गोमतीनगर के विभूतिखंड निवासी मिलिंद राज रोजाना इस ड्रोन के जरिये बड़ी संख्या में गाड़ियों को सैनिटाइज कर रहे हैं. मिलिंद राज ने पंद्रह दिन की कड़ी मेहनत के बाद सेनिटाइजर स्प्रे वाला ड्रोन बनाया है जो सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने में भी कारगर है. खास बात यह है कि इस ड्रोन को बनाने में सफलता हासिल करने वाले मिलिंद राज इंजीनियरिंग नहीं, बल्कि विधि के छात्र है. ड्रोन का वजन लगभग दस किलोग्राम बताया जा रहा है और यह अभी आठ किलोमीटर तक उड़ सकता है. आने वाले दिनों में इसे और अधिक ऊंचाई तक उड़ाने की क्षमता वाला बनाया जाने की बात कही जा रही है.

यह सैनिटाइज ड्रोन स्प्रे तकरीबन डेढ़ मीटर चौड़ा और आधा मीटर ऊंचा है एवं इसमें 7-10 लीटर की टंकी है. जिसमें सैनिटाइजर केमिकल भरा जाता है. ड्रोन पूर्णतया ऑटोमैटिक है और इसको कम्प्यूटर से एक जगह बैठकर संचालित किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिहाज से यह ड्रोन बहुत ही कारगर है.

गौर हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सैनिटाइजर का उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने 55 कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दे दिया है और इसका प्रतिदिन करीब 70 हजार लीटर उत्पादन हो रहा है. प्रदेश में अभी तक चार लाख 12 हजार लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन हो चुका है जिसमें से कुल दो लाख सात हजार लीटर सैनिटाइजर की बाजार में आपूर्ति की जा चुकी है.

राज्य के आबकारी एवं चीनी, गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय भुस रेड्डी ने सोमवार को बताया, ” कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण प्रदेश में अचानक सैनिटाइजर की मांग बढ़ गयी थी, इसलिए राज्य प्रशासन ने शराब कारखानों और अन्य कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस देने का फैसला किया ताकि आम जनता को सही और गुणवत्तापूर्ण सैनिटाइजर मिल सकें.”

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