शिया बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी राम मंदिर को बताया सबसे बड़ा मुद्दा, जिसे विकास की आड़ में छिपाया नहीं जा सकता है
लखनऊ : अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हिंदुस्तान में विकास मुद्दा नहीं है. इस देश में आज सबसे बड़ा मुद्दा अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण है.
अपने पत्र में रिजवी ने लिखा है कि पिछले चार सालों में आपकी सरकार में जो विकास हुआ है वह आपकी जिम्मेदारी थी, जिसे आपने पूर्ण रूप से निभाया है. विकास सरकार की जिम्मेदारी होती है, लेकिन श्रीराम मंदिर निर्माण हिंदुस्तान का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिससे 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है. भाजपा के शासन में ही राममंदिर का हल निकल सकता है. वसीम रिजवी आगे लिखते हैं शिया वक्फ बोर्ड इस मसले का हल चाहता है. इसके लिए उत्तरप्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और हिंदू पक्षकारों के बीच एक रास्ता एकता केलिए तैयार किया जा चुका है. इस प्रस्ताव के मुताबिक अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो और लखनऊ में मस्जिद-ए-अमन का निर्माण हो. इससे पहले रिजवी प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी राम मंदिर निर्माण के बाबत पत्र लिख चुके हैं.
वसीम रिजवी लिखते हैं कि कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों की हिमायती सियासी पार्टियां आपकी सरकार के खिलाफ एकजुट हो रही हैं. देश हित में श्रीराम मंदिर के निर्माण का हल आपकी हुकूमत में ही निकल सकता है. ऐसा करोड़ों हिंदुओं का मानना है. अब वक्त आ गया है कि यह तय हो कि देश को राम मंदिर चाहिए या फिर तालिबान. वसीम रिजवी के मुताबिक श्रीराम मंदिर निर्माण मुद्दा ही देश का सबसे बड़ा मुद्दा है जिसे विकास कीआड़ में नजरंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा है कि पिछले 70 साल से कुछ कट्टरपंथी मुसलामानों की वजह से 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था अदालत के दरवाजों पर खड़ी है. हालात को देखते हुए लगताहै कि किसी भी वक्त बड़ा फसाद हो सकता है, जिसके पीछे शत्रु मुल्क पाकिस्तान की साजिश भी जारी है.