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फर्जी डिग्री के दम पर नौकरी पाने वालों की कलई खोलेगी ‘डिजिटल तिजोरी’, ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा यूपी

‘डिजिटल तिजोरी’ में सभी प्रमाणपत्र व अंकपत्र भी सेव किए जाएंगे. जब भी कोई नौकरी के लिए आवेदन करेगा तो उसकी डिग्री का मिलान इस ‘डिजिटल तिजोरी’ से किया जाएगा. देश में यूपी ऐसा पहला राजय होगा जहां ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है.

Learner Passport In UP: देश में काफी कुछ डिजिटल हो चुका है. डिजिटल युग के सफर में फर्जी डिग्री और अंकपत्र के दम पर नौकरी पाने वालों पर गाज गिरने जा रही है. विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई का ब्योरा रखने के लिए राज्य सरकार यूनिवर्सल लर्नर पासपोर्ट की व्यवस्था करने जा रही है. इस पासपोर्ट में स्टूडेंट्स की पढ़ाई का पूरा रिकॉर्ड रहेगा. साथ ही, इस ‘डिजिटल तिजोरी’ में सभी प्रमाणपत्र व अंकपत्र भी सेव किए जाएंगे. जब भी कोई नौकरी के लिए आवेदन करेगा तो उसकी डिग्री का मिलान इस ‘डिजिटल तिजोरी’ से किया जाएगा. देश में यूपी ऐसा पहला राजय होगा जहां ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है.

नियम और शर्तें भी तय

सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार इसके लिए प्रस्ताव मांगने जा रही है. प्रदेश में इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना है. इसकी शुरुआत कक्षा एक से आठ तक होगी लेकिन भविष्य में इसे प्ले ग्रुप से लेकर परास्नातक और प्रोफेशनल पढ़ाई में भी लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके लिए आधारभूत नियम और शर्त तय किये जा चुके हैं. तकनीकी साझेदारी के लिए जल्द ही प्रस्ताव मांगा जाएगा. इस पासपोर्ट से एक बच्चे की पढ़ाई से लेकर नौकरी तक ट्रैक की जा सकेगी. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद उसे अपने प्रमाणपत्रों या अंकपत्रों की फाइल की जगह केवल लर्निंग पासपोर्ट ही दिखाना होगा.

इस व्यवस्था से कई तरह के फायदे होंगे

इससे फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वालों पर भी लगाम लगेगी क्योंकि यह लागू होने के बाद प्रमाणपत्रों का सत्यापन डिजिटल तिजोरी से ही किया जाएगा. नौकरी के लिए आवेदन करने के बाद प्रपत्रों को सत्यापन के लिए अंकपत्र या प्रमाणपत्र विभिन्न बोर्ड या फिर विश्वविद्यालयों को नहीं भेजे जाएंगे. इसी लर्नर पासपोर्ट से सत्यापन का सारा काम पूरा कर लिया जाएगा. दरअसल, सत्यापन में ही भ्रष्टाचार की मदद से सारा खेल होता है. इस लर्नर पासपोर्ट में एक बच्चे का नामांकन दो जगह नहीं किया जा सकेगा. एक ही वक्त में दो डिग्रियां हासिल करने पर भी लगाम लगेगी. स्कॉलरशिप आदि के लिए फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा क्योंकि फर्जी अंकपत्र, जाति या आय प्रमाणपत्र नहीं लगाया जा सकेगा.

कैसे काम करेगा लर्नर पासपोर्ट

  • कक्षा एक में प्रवेश लेने पर एक आधार सीडिंग के बाद उसे एक यूनीक आईडी मिलेगी.

  • इसके बाद डिजिटल तिजोरी (वॉल्ट) खोली जाएगी.

  • इसमें स्टूडेंट की सभी कक्षाओं के अंकपत्र, प्रमाणपत्र और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रमाणपत्र भी संस्थान स्तर पर डाले जाएंगे.

  • जब वह अपनी पढ़ाई पूरी करेगा उसके पासपोर्ट पर इसकी पूरी जानकारी दर्ज हो चुकी होगी.

  • किसी भी स्तर पर सत्यापन के लिए इसी डिजिटल पासपोर्ट के वॉल्ट से जानकारियां ली जाएंगी.

  • इसमें सरकारी, निजी, व्यावसायिक सेक्टर सबको शामिल किया जाएगा.

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