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गाजीपुर बॉर्डर से किसान आंदोलन को मिली थी संजीवनी! राकेश टिकैत की इस रणनीति से अंजाम तक पहुंचा किसान आंदोलन

किसान आंदोलन: राकेश टिकैत के रोने के बाद भाकियू समर्थक मुजफ्फरपुर से वापस आने लगे. आनन-फानन में नरेश टिकैत ने गांव में पंचायत बुलाई और आंदोलन नहीं खत्म करने का ऐलान कर दिया. इसके बाद सिंधु सहित सभी बॉर्डर पर फिर से किसान लौटने लगे और आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली.

संयुक्त किसान मोर्चा ने करीब एक साल बाद किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है. तीन कृषि कानून के रद्द होने के बाद कुछ मुद्दों पर सरकार की ओर से बनी सहमति के बाद किसान मोर्चा ने यह ऐलान किया है. बता दें कि इससे पहले 26 जनवरी के बाद किसान आंदोलन के खत्म होने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसूओं ने आंदोलन को नई संजीवनी दे दी.

दरअसल, किसान मोर्चा ने 26 जनवरी को आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया था, जिसके बाद कुछ लोगों द्वारा ट्रैक्टर को लालकिले तक ले जाया गया. इस दौरान पुलिस और किसान नेताओं के बीच हिंसक झड़पें हुईं. इसके बाद किसान आंदोलन के खत्म होने की अटकलें लगाई जाने लगी.

लालकिले पर हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जुड़े कई किसान संगठनों ने अपना तंबू हटा लिया. इतना ही नहीं, भाकियू (भानु गुट) ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान भी कर दिया, जिसके बाद सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती कर दी गई. इतना ही नहीं राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत भी बॉर्डर छोड़कर गांंव चले गए.

राकेश टिकैत के आंसुओं ने बदला माहौल- तारीख 29 जनवरी 2021. दिन था शुक्रवार. गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत और उनके समर्थक अपना सामान पैक कर रहे थे. इसी बीच बीजेपी के लोनी से विधायक नंद कुमार गुर्जर अपने समर्थकों के साथ पहुंचे. बताया जा रहा कि इस दौरान बीजेपी और भाकियू कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद राकेश टिकैत मीडिया के सामने रोने लगे.

घटना के बाद टिकैत समर्थक मुजफ्फरपुर से वापस आने लगे. आनन-फानन में नरेश टिकैत ने गांव में पंचायत बुलाई और आंदोलन नहीं खत्म करने का ऐलान कर दिया. इसके बाद सिंधु सहित सभी बॉर्डर पर फिर से किसान लौटने लगे और आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली.

पंचायत करने की रणनीति– बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन के फिर से शुरू होने के बाद राकेश टिकैत ने अलग-अलग जगहों पर पंचायत करने की रणनीति तैयार की. इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में पहला महापंचायत किया गया. इतना हीं नहीं, राकेश टिकैत कई राज्यों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ महापंचायत में जाने लगे.

पांच राज्यों के चुनाव से पहले वापसी का ऐलान– यूपी, पंजाब सहित पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान से पहले सरकार ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद से माना जा रहा था कि आंदोलन खत्म हो जाएगा. वहीं अब सभी मांगों पर समझौते के बाद किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया है. गाजी

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