इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों वाली जनहित याचिका पर आज राज्य सरकार से जवाब मांगा. याचिका में इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की गयी है.
हालांकि उच्च न्यायालय ने यूपीपीएससी के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव पर कदाचार के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच की याचिकाकर्ताओं की मांग को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 317 के अनुसार केवल उच्चतम न्यायालय को किसी लोक सेवा आयोग के सदस्य के खिलाफ इस तरह का कदम उठाने का अधिकार है.मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने राज्य सरकार और यूपीपीएससी से चार सप्ताह में अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने को कहा और आदेश दिया कि मामले में आगे की सुनवाई उसके बाद होगी. अदालत ने ‘प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति’ की जनहित याचिका पर आदेश जारी किया. समिति का गठन यूपीपीएससी के कामकाज में कथित अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलनरत विद्यार्थियों ने किया.