लखनउ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ खण्डपीठ ने आज उत्तर प्रदेश में पिछले साल सपा सरकार के गठन के बाद से अब तक हुए साम्प्रदायिक दंगों की सभी प्रमुख घटनाओं की सीबीआई से जांच के आदेश देने संबंधी याचिका पर जवाब के लिये राज्य सरकार को दो हफ्ते का समय दिया.
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार त्रिपाठी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिये समय देते हुए मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद करने का निर्णय किया. राज्य सरकार की तरफ से अदालत में हाजिर हुईं अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने याचिका पर निर्देश प्राप्त करने तथा जवाब दाखिल करने के लिये दो हफ्ते का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने गत 11 सितम्बर को दाखिल जनहित याचिका में अदालत से पिछले साल 15 मार्च को समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के गठन के बाद से अब तक हुए साम्प्रदायिक दंगों की सभी प्रमुख घटनाओं की सीबीआई से जांच कराने के आदेश देने का आग्रह किया था. याचिका के मुताबिक मौजूदा सरकार और उसके अधिकारियों की नीति इस तरह की रही है जिससे उनका एक वर्ग विशेष के प्रति झुकाव साफ नजर आता है.