।।राजेन्द्र कुमार।।
अयोध्याः भगवान राम की यह नगरी अपनी धुन में मस्त है. रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की वर्दी का नीला रंग भले ही साधु-सन्तों के भगवा ताने-बाने के साथ माहौल में थोड़ी अस्वाभाविक व्यंजना पैदा कर रहा, लेकिन शहर के लोग इससे विचलित नहीं हैं. यही नहीं विहिप की इस यात्रा को लेकर यहां के लोगों में कोई उत्साह नहीं है. यहां के लोगों का विश्वास है कि रविवार को अयोध्या की शान्ति भंग नहीं होगी.
विहिप की परिक्रमा यात्रा को लेकर कोई हिंसक टकराव यहां नहीं होगा. पुलिस को लाठी चलानी नहीं पड़ेगी. बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से परिक्रमा यात्रा निकालने का प्रयास करने वाले साधू-संतों को पुलिस के जवान गिरफ्तार कर परिक्रमा यात्रा पर रोक लगाएंगे. ऐसी मंशा रखने वाले अयोध्या के अधिकांश लोग विहिप की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा के पक्ष में नहीं है. हनुमान गढ़ी चौराहे पर पूजा की सामग्री बेचने वाले राजकुमार विहिप की चौरासी कोसी परिक्रमा को राजनीतिक यात्रा बताते हैं. उनकी ही तरह अयोध्या के तमाम लोग कहते हैं कि चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा तो बीते अप्रैल में हो चुकी है. अब विहिप की यह यात्रा तो अयोध्या के माहौल और यहां के लोगों का व्यवसाय चौपट कर रही है. ऐसे प्रयासों पर अब रोक लगनी चाहिए क्योंकि अयोध्या मंदिर का मामला अब अदालत में है और ऐसी यात्राओं से मंदिर निर्माण नहीं होगा. यह कहने वाले अयोध्या के निवासियों में विहिप की परिक्रमा यात्रा को लेकर भय जरूर है.
वह मानते हैं कि प्रदेश सरकार और फैजाबाद प्रशासन विहिप की परिक्रमा यात्रा को रोकने के लिए हर स्तर पर सख्ती करेगा. जिसके तहत अयोध्या और फैजाबाद की सीमाओं को सील कर दिया गया है. अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को रोका जा रहा है. अयोध्या में पुलिस के जवान विहिप के नेताओं और परिक्रमा में शामिल होने वाले साधू संतों को खोज रहे हैं. अन्य राज्यों से आए 45 साधू शानिवार को यहां पकड़े भी गए. प्रशासन की इस सख्ती के बाद भी विहिप नेताओं के हौसले बुलंद हैं. विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं कि परिक्रमा यात्रा हर हाल में होगी और अयोध्या के हजारों साधू संत इसमें शामिल होंगे. तमाम साधू संत और नेता यहां पहुंच गए हैं और वह कल परिक्रमा यात्रा शुरू होने के पूर्व प्रकट होंगे.
प्रदेश सरकार और फैजाबाद प्रशासन को भी यह अंदेशा है कि वर्ष 1990 की तरह फिर यहां के साधू संत रविवार को अचानक अपने सड़क पर आकर परिक्रमा यात्रा में शामिल होने का प्रयास करेंगे. विहिप के साधू संत रविवार को परिक्रमा यात्रा निकालने का प्रयास ना करे, इसके लिए शनिवार को पुसिल के जवानों ने टुकड़ियां बनाकर फ्लैग मार्च किया. दूसरी तरफ लखनऊ से फैजाबाद आने वाले रास्ते पर भी जगह जगह बैरियर लगाकर यहां आने से लोगों को रोका जाने लगा है. यह सिलसिला रविवार की शाम तक जारी रहेगा. देर रात सूबे के एडीजी कानून व्यवस्था अरूण कुमार भी यहां आ जायेंगे और अयोध्या में छिपे साधू संतों को तलाशने की कार्रवाई की जाएगी. अरूण कुमार के यहां पहुंचने के पूर्व आईजी जोन लखनऊ सुभाष सिंह और फैजाबाद के कमीश्नर संजय कुमार ने दिन भर परिक्रमा यात्रा को रोकने को लेकर किए गए सुरक्षा इंतजामों का निरीक्षण किया. सरयू पुल पर पर बस्ती से आने वाले श्रद्वालुओं को रोकने के लिए किए गए सुरक्षा इंतजामों को भी उन्होंने मौके पर जाकर देखा. इस पुलों के आने जाने वाले रास्ते पर बैरिकैटिंग कर दी गई है. रविवार को इस पुल पर आवागमन बंद कर दिया जायेगा.
शाम चार बजे जब यह अधिकारी सरयू पुल पर सुरक्षा इंतजामों का निरीक्षण कर रहे थे तब सरयू पुल से नीचे नया घाट का नजारा मन में शुकून भरने वाला था. सूरज की चटख सिन्दूरी रंगत का मोहक घेरा घाट के पीछे मन्दिरों की पृष्ठभूमि में गुम होने को था, लेकिन घाट पर अभी भी डुबकियां लगा रहे श्रद्धालुओं को न प्रकृतिजनित ठंडे पानी की परवाह थी और न मीडियाजनित गरम माहौल की, जो विहिप की परिक्रमा यात्रा को लेकर बना है.
यहां पुल की रेलिंग से लेकर घाट की सीढ़ियों तक बन्दरों का साम्राज्य बदस्तूर कायम दिखा. डूबते सूरज की आभा अब सरयू के मटमैले पानी में सिन्दूर सा घोलने लगी. पीछे किसी मन्दिर में घण्टे-घड़ियाल बज रहे हैं, जिसकी ध्वनि घनी होती जा रही. ऐसे माहौल में नया पुल के समीप ही अयोध्या बस स्टेशन पर बने पुलिस कंटोल रूम में तैनात तमाम अधिकारी रविवार को परिक्रमा यात्रा पर रोक लगाने के लिए पुसिलकर्मियों के डयूटी कार्ड बनाने में जुटे थे. वहीं अयोध्या के मंदिरों के बाहर और चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा के रास्ते के दोनों तरफ पुलिस के जवान टहलते हुए यह संकेत देने का प्रयास कर रहे थे कि वह किसी भी दशा में चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा शुरू होने नहीं देंगे. दूसरी तरफ शाम साढ़े सात बिजली की मद्धिम टिमटिमाती रोशनी में कुछ लोग नया घाट की सीढ़ियों पर ध्यानमग्न बैठे हैं.
अयोध्या में तैनात पुलिस बल
अयोध्या और फैजाबाद के क्षेत्र में दो पुलिस अधीक्षक, 16 अपर पुलिस अधीक्षक, 32 पुलिस उपाधीक्षक, 80 निरीक्षक , 247 उपनिरीक्षक, 600 सिपाही के साथ ही 13 कम्पनी पीएसी, 10 कम्पनी आरएएफ तैनात की गई है. वहां पहले से तैनात 10 कम्पनी आरएएफ का कार्य अवधि भी बढ़ा दी गयी है.