20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मायावती को बनाया ताकतवर

लखनऊ : आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को राजनीतिक ऊर्जा मिल गयी है. यूपी के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद टूटी बसपा की उम्मीदों को फिर खड़ा करने के लिए कोर्ट से मिली राहत मायावती लिए बेहद उपयोगी साबित […]

लखनऊ : आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को राजनीतिक ऊर्जा मिल गयी है. यूपी के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद टूटी बसपा की उम्मीदों को फिर खड़ा करने के लिए कोर्ट से मिली राहत मायावती लिए बेहद उपयोगी साबित होगी.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में मायावती को मिली राहत भले ही देर से मिली, लेकिन मायावती अब इसके भरोसे आगामी लोकसभा चुनाव को निगाह में रखकर अपने विरोधियों के खिलाफ ज्यादा हमलावर रूख अपना सकती हैं. यही नहीं इस फैसले ने मायावती के लिए केंद्र की राजनीति में कांग्रेस तथा अन्य दलों से बेहतर रिश्ते बनाने के दरवाजे भी खोले हैं. जिसका लाभ मायावती मौका देखकर उठाएंगी. यह भी तय है कि यूपी की राजनीति में भी मायावती इस फैसले का लाभ लेने में जुटेंगी.

गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट ने गत गुरूवार (8 अगस्त) को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला रद करने के फैसले पर पुर्निवचार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट के इस फैसले से मायावती के खिलाफ चल रहा आय से अधिक संपत्ति का

मामला अब बंद हो गया है. बीते कई सालों से मायावती इस मामले को लेकर सीबीआई और केंद्र सरकार के दबाव में थी. यह सुप्रीमकोर्ट के फैसले के तत्काल बाद मायावती की टिप्पणी से भी स्पष्ट हुआ. जैसे ही सुप्रीमकोर्ट ने मायावती के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति के प्रकरण को बंद करने का फैसला दिया मायावती ने कहा अदालत ने उनके साथ न्याय किया है.

उनके वकील सतीश चंद्र मिश्रा ने भी मीडिया से कहा कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले से साबित हो गया है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ की एफआइआर अवैध थी और सीबीआइ ने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर यह मामला दर्ज किया था. इसलिए इसके तहत बसपा प्रमुख मायावती की आय को लेकर की गयी जांच भी गैरकानूनी है.

जिसे कोर्ट ने भी माना और बसपा प्रमुख को राहत पहुंचाने वाला निर्णय किया. अब कहा जा रहा है कि सुप्रीमकार्ट के इस फैसले से मायावती को अब नयी ऊर्जा मिली है.अब उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में अपना समय जाया नहीं करना होगा. बल्कि अब तो वह अगले लोकसभा चुनावों में बसपा को मजबूत करने में दिल्ली और लखनऊ में राजनीतिक सक्रियता को बढ़ाएंगी.

इसके तहत सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले को मायावती अपने समर्थकों के बीच प्रचारित कर यह बताने का प्रयास करेंगी कि कैसे भाजपा और कांग्रेस ने सीबीआई का उपयोग कर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया. बसपा के वोटबैंक को यह बताते हुए मायावती इन दोनों राजनीतिक दलों को सबक सिखाने की अपील करेंगी. किसी भी हालात में मायावती चुनाव के पूर्व कांग्रेस और भाजपा के दबाव में नहीं आएंगी. मायावती का यह रूख ही उन्हें दलित समाज में नेता बना है. जिसका लाभ मायावती आगामी लोकसभा चुनावों में लेने का प्रयास करेंगी और सपा पर भी वह इस मामले में यूपी में हमला बोलेंगी.

मायावती जानती है कि उन्हें राहत पहुंचाने वाले सुप्रीमकोर्ट के फैसले से सपा प्रमुख मुलायम की परेशानी बढ़ी है. खुद मुलायम सिंह, उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव तथा दूसरे पुत्र प्रतीक यादव, के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की सीबीआइ जांच को चुनौती देने वाली पुर्निवचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में बीते तीन साल से लंबित है. जिसका निस्तारण अभी तक नहीं हो सका है. जिसके चलते मुलायम सिंह यादव केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.

तो कांग्रेस उन्हें मनाते और धमकाते हुए अपने साथ ­खड़ा रहने को मजबूर कर रही है. ऐसे में मुलायम कभी भी यूपीए सरकार को झटका दे सकते हैं. राजनीति के इस खेल पर मायावती नजर जमाए हुए हैं और वह हड़बड़ी दिखाने के बजाये यूपी तथा अन्य राज्यों में बसपा को बढ़ाने की मुहिम में जुट गई हैं. ताकि आगामी लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में बनने वाली सरकार में बसपा की अहम भूमिका रहे. अपनी इस उम्मीद को पूरा करने में मायावती अब लगातार जुटी रहेंगी. उनके नजदीकी सांसद बृजेश पाठक का यह दावा है.

-राजेंद्र कुमार-

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें