लखनउ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा दिये जाने को ‘राज्य का विषय’ बताते हुए आज कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सोम को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा देने से पहले केंद्र ने उससे कोई जानकारी नहीं ली.
गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने यहां बताया, ‘‘किसी को सुरक्षा देना राज्य सरकार का विषय है. विधायक संगीत सोम को सुरक्षा देने के मामले में केंद्र सरकार ने राज्य से कोई जानकारी नहीं ली.’’ उन्होंने कहा कि किसी को सुरक्षा देने के अपने नियम-कायदे हैं और सुरक्षा जारी रखने या वापस लेने का फैसला अभिसूचना ब्यूरो तथा राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक में लिया जाता है. यह बैठक हर छह महीने पर होती है.
हालांकि, सक्सेना ने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा नेताओं को सीधे तौर पर सुरक्षा दिये जाने के कुछ उदाहरण मौजूद हैं. बहरहाल, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने किसी का नाम लेने से मना कर दिया.
गृह सचिव ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने सोम को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी थी और अब उन्हें ‘जेड’ दर्जे की सुरक्षा दी जाएगी.
गौरतलब है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के सरधना से विधायक सोम को कट्टरपंथी तत्वों से खतरा होने की खुफिया जानकारी के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडो के घेरे में लाने का फैसला किया है.
सरकार के इस निर्णय की विपक्ष ने आलोचना की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘यह अजीब बात है. अजीब सरकार है. दंगा पीडित इधर उधर भटक रहे हैं और दंगे के आरोपियों को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है.’’