लखनऊ : लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 29 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर मतदान होना है, उनमें से 12 सीटों पर भाजपा ने पिछले चुनाव में आसानी से जीत दर्ज की थी. इस बार इन सीटों पर उसे बसपा-सपा महागठबंधन से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा़ कांग्रेस और सपा से अलग हुए शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अलग से चुनाव मैदान में है, जिससे कु सीटों पर मुकाबला बहुकोणीय हो गया है.
इन सीटों पर सपा-बसपा भारी
अगर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सपा और बसपा को मिलने वाले मतों पर गौर करें तो, भाजपा शाहजहांपुर, खीरी, हरदोई, मिसरिख, ईटावा, झांसी और कन्नौज में हार सकती है. कन्नौज वैसे भी डिंपल यादव की वजह से सपा की झोली में है.
पिछली बार डिंपल ने भले ही कम मतों से जीत दर्ज की थी, पर इस बार बसपा के समर्थन से जीत का अंतर बढ़ सकता है.
यहां भाजपा बेहतर स्थिति में
उन्नाव, फर्रूखाबाद, कानपुर, अकबरपुर, जालौन और हमीरपुर में भाजपा बेहतर स्थिति में है. कानपुर में भाजपा के सत्यदेव पचौरी के खिलाफ श्रीप्रकाश जायसवाल चुनाव मैदान में हैं. उन्नाव में भाजपा के साक्षी महाराज एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं.
झांसी में पिछली बार उमा भारती चुनाव जीती थीं. इस बार भाजपा ने अनुराग शर्मा को मैदान में उतारा है.
चौथे चरण की तस्वीर
उप्र में कुल सीटें : 80
इस चरण में चुनाव : 13 सीटों पर
2014 में इनमें से किसे कितनी सीटें : 12 भाजपा, 01 सपा.
कुल उम्मीदवार : 152
कुल वोटर : 2, 41,06050
पुरुष वोटर : 1, 30, 83, 421
महिला वोटर : 1, 10, 22, 629
भाजपा की चुनौती
जिन छह सीटों पर भाजपा की स्थिति बेहतर है, वहां भी सपा-बसपा का समर्थन आधार बना रहता है, तो भाजपा 2014 के 80 में से 71 सीटों के प्रभावशाली आंकड़े में से चौथे चरण की छह सीटों पर हार सकती है.