गोहाना (हरियाणा) : वर्ष 2002 के गुजरात दंगों को लेकर आलोचनाओं के घेरे में रहे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश ‘‘सांप्रदायिकता का जहर’’ नहीं चाहता बल्कि उसे सुरक्षा और विकास की जरुरत है. मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि लोग वादों से उब चुके हैं लेकिन वह कुछ करने के इरादे से आए हैं.
कांग्रेस को निशाना बनाते हुए मोदी ने कहा कि पार्टी ने लंबे चौडे वादे किए लेकिन न तो विकास हुआ और न ही व्यवस्था में बदलाव आया. उन्होंने लोगों से कहा, ‘‘देश वादों से उब चुका है, अब मंशा की बात है. मैं एक मंशा लेकर आया हूं. कांग्रेस ने कई वादे किए लेकिन लोगों को विकास चाहिए बंटवारा नहीं.’’ मोदी ने खुद को विकास दूत के रुप में पेश करते हुए कहा कि लोगों को अवसर की जरुरत है न कि अवसरवादियों की.
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को कौशल की जरुरत है न कि मशीनीकरण की. उन्हें नौकरी चाहिए राजनीति नहीं. उन्हें सुरक्षा चाहिए सांप्रदायिकता का जहर नहीं.’’ मोदी ने लोगों से भाजपा और सहयोगी दलों को वोट करने की अपील की और उन दलों का समर्थन नहीं करने को कहा जो प्रधानमंत्री पद के लिए उनके समर्थन की बात करते हैं.
भाजपा ने हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ समझौता किया है जबकि इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के नेताओं ने पहले कथित रुप से बयान दिया था कि जरुरत पडी तो वे मोदी को प्रधानमंत्री बनने के लिए समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति को किसी और के चश्मे से मत देखिए.’’ उनका इशारा संभवत: आईएनएलडी के चुनाव चिह्न ‘चश्मा’ की तरफ था. उन्होंने कहा, ‘‘केवल भाजपा का चुनाव चिह्न ‘कमल’ ही मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बना सकता है.’’
बागपत: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने आज केंद्र की मौजूदा कांग्रेस नीत सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नारे के बरक्स ‘मर जवान-मर किसान’ का नारा अपनाने और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह पर सत्तासुख के लिये अपने पिता चौधरी चरण सिंह के बताये रास्ते से हटने का आरोप लगाया और उन पर जमकर हमले किये.
मोदी ने यहां एक चुनावी जनसभा में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था लेकिन आज देश के जवान और किसान बदहाल हैं. कांग्रेस के राज में सीमाओं पर जितने जवान शहीद हुए हैं, उससे ज्यादा तो किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
उन्होंने आरोप लगाया ‘‘कांग्रेस ने जवानों के जीवन को असुरक्षित कर दिया है और पूरी सेना का मनोबल गिरा हुआ है. क्या यह है तुम्हारा जय जवान, जय किसान… आज तो दिल्ली में बैठी सरकार का एक ही मंत्र है- मर जवान, मर किसान. जवान मरे तो उनको पीडा नहीं, किसान मरे तो परवाह नहीं.’’ किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि बागपत से चुनाव लड रहे उनके बेटे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह पर करारा हमला बोलते हुए मोदी ने कहा ‘‘जो बेटा सत्ता सुख के लिये अपने पिता को परेशान करने वाले लोगों की गोद में जाकर बैठ गया क्या आप उस पर भरोसा करेंगे. बागपत को हवाई नेता नहीं, धरती का नेता चाहिये.’’
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह कांग्रेस की रीति नीति से तंग आकर उसके खिलाफ खडे हो गये थे. हम चौधरी चरण सिंह का आदर करते हैं लेकिन उन्हीं के बेटे ने उनका रास्ता छोड दिया. कोई बेटा अपने बाप का रास्ता छोड देता है तो समाज उसे स्वीकार नहीं करता.
मोदी ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि बागपत को किसान के साथ कंधों से कंधा मिलाकर चलने वाला नेता चाहिये. अगर बागपत को जमीनी नेता मिला होता तो यहां के रास्ते इतने खराब ना होते. हवाई जहाज पर उडने वाले नेता किसानों का भला नहीं कर सकते.
‘किसान पट्टी’ में काश्तकारों की नब्ज पर हाथ रखते हुए उन्होंने कहा ‘‘ये किसानों को कौन बरबाद कर गया. जो किसान पेट भरता था उसका पेट नहीं भर रहा, इसके लिये कौन जिम्मेदार है. क्या ऐसी सरकार को एक दिन भी रहने का अधिकार है.
मोदी ने कहा कि सेना के जवान ‘वन रैंक वन पेंशन’ के लिये कितने सालों से लडते रहे और हर चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी वादे करती रही और भावनाओं के साथ खिलवाड किया लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया. अगर 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार दोबारा बनी होती तो मैं विश्वास से कहता हूं कि हमारे जवानों का वन रैंक वन पेंशन का मामला कब का सुलझ गया होता.
उन्होंने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे वाले देश में पाकिस्तानी सैनिक हमारे एक जवान का सिर काट ले गये. उसके ठीक बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को हमारे प्रधानमंत्री ने चिकन बिरयानी की दावत दी. क्या उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से नहीं कहा जा सकता था कि यह समय नहीं है हिन्दुस्तान आने का.. बाद में तय करेंगे… लेकिन यह कहने की भी हिम्मत दिल्ली की सरकार में नहीं है.
मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव सुराज और कांग्रेस मुक्त भारत का संघर्ष है. वर्ष 1857 में कमल और रोटी का नारा था, 2014 में कमल और मोदी का नारा होगा.उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा ‘‘कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लें, अभी शहजादे (राहुल) ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि मोदी एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं. मुझे इस बात का गर्व है कि मैं विचारधारा से पैदा हुआ हूं.’’ मोदी ने कहा ‘‘हमारी विचारधारा परिवार से परे समाज को महत्व देती है. हमारी विचारधारा है कि भारत माता हमारे लिये सबकुछ है.
यह हमारी विचारधारा है कि जियेंगे तो भी देश के लिये, मरेंगे तो भी देश के लिये. इसलिये इस विचारधारा से मुकाबला करना आपके बूते की बात नहीं है. यह विचारधारा त्याग और तपस्या पर खडी है.’’ उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा ‘‘लोकसभा चुनाव में ‘सबका’ छुट्टी करनी होगी. स-सपा, ब-बसपा, क-कांग्रेस. क्या आपको कांग्रेस पर भरोसा है, सपा और बसपा पर भरोसा है… जिन पर भरोसा नहीं है उन्हें देश नहीं दिया जा सकता. मैं भरोसा दिलाता हूं कि दिल्ली में तो सरकार बननी ही है लेकिन एक कमल बागपत का भी चाहिये.’’