चाईबासा : सरकार सीएनटी व एसपीटी एक्ट संशोधन को निरस्त नहीं करते हैं तब-तक आंदोलन व धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. आदिवासी-मूलवासी चुपचाप नहीं बैठेंगे. आबुआ: दिशुम रे आबुआ: राज की लड़ाई हमारे पूर्वजों ने लड़ी है. तब जमीन बची है. अब भाजपा सरकार ने यहां के आदिवासी-मूलवासियों की सुरक्षित जमीन को सीएनटी कानून पर संशोधन कर लूटने की साजिश रची है.
उक्त बातें खरसावां के विधायक दशरथ गागराई ने मंगलवार को गांधी में सीएनटी व एसपीटी एक्ट के संशोधन के विरोध में आयोजित जनाक्रोश महाजुटान सभा को संबोधित कर रहे थे. श्री गागराई ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी घोषणा के विपरीत काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आज लोगों को एकजुट व जागरूक होने की जरूरत है, अन्यथा सरकार हमारी जमीन लूट लेगी. उन्होंने कहा कि एक जनवरी 17 को खरसावां शहीद समारोह में लोगों ने रघुवर दास का विरोध करना शुरू कर दिया है.
राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन: प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में संविधन की पांचवीं अनुसूची में अनुसूचित क्षेत्रों के लिए किये गये उपबंधों का उल्लंघन कर झारखंड सरकार द्वारा सीएनटी और एसपीटी एक्ट पर किये गये असंवैधानिक संशोधन निरस्त करने की मांग की है.
जमीन हड़पने के लिए सीएनटी एक्ट में संशोधन: धान
मांडर के पूर्व विधायक देव कुमार धान ने कहा कि भाजपा सरकार जमीन लूटने के लिए दलालों की बहाली कर रखी है. वैसे दलालों की पहचान करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासियों की जमीन हड़पने के लिए सीएनटी एक्ट में संशोधन किया है. सभा को बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डीएन चांपिया, पूर्व विधायक मंगल सिंह चांपिया, रमेश जेराई, सुनील पूर्ति, डेबरा तुबिड, सुशील बारला, मुकेश बिरूवा, नरेश मुर्मू, हरीश चंद्र भूमिज, बैजू मुर्मू, ग्लैडसन डुंगडुंग, कर्मा उरांव,प्रेम साही मुंडा, सुषमा बिरूली, सुनिया मुदुईया, सुजीत सिंह कुंटिया, करम सिंह मुंडा, गोविंद पूर्ति, गुरू प्रसाद सोरेन आदि भी संबोधित किया. संचालन सिर्द्धाथ पाड़ेय व मानकी सुंडी ने किया. इस अवसर पर काफी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष उपस्थित थे.
सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाने की घोषणा
माझी परगना महल, मानकी-मुंडा संघ, आदिवासी भूमिज सरदार समाज और सीएनटी-एसपीटी एक्ट बचाओ समन्वय मंच कोल्हान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस
जनाक्रोश महाजुटान सभा में आदिवासियों को छेड़छाड करना बंद करो, सीएनटी एक्ट संशोधन वापस करो, रघुवर दास वापस जाओ के नारे गूंज रही थी. मंच द्वारा एक जनवरी 17 को खरसावां मे 9 नामजद और 500 अन्य हुए मुकदमें को वापस नहीं किये जाने पर आंदोलन जारी रखने व सरकार के विरूद्ध असहयोग आंदोलन चलाने की घोषणा की गयी.
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