उलीहातू में शहीद मोतीलाल की प्रतिमा स्थापित
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देश को मोतीलाल जैसे बेटों की जरूरत : डीआइजी
उलीहातू में शहीद मोतीलाल की प्रतिमा स्थापित ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को दी सलामी चाईबासा : चाईबासा स्थित उलीहातू गांव में सीआरपीएफ की 174 वीं बटालियन ने मंगलवार को शहीद मोतीलाल पुरती की प्रतिमा का अनावरण किया. ग्रामीणों ने आदिवासी रीति रिवाज से सीआरपीएफ अधिकारियों का स्वागत किया. प्रतिमा का अनावारण शहीद की […]
ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को दी सलामी
चाईबासा : चाईबासा स्थित उलीहातू गांव में सीआरपीएफ की 174 वीं बटालियन ने मंगलवार को शहीद मोतीलाल पुरती की प्रतिमा का अनावरण किया. ग्रामीणों ने आदिवासी रीति रिवाज से सीआरपीएफ अधिकारियों का स्वागत किया. प्रतिमा का अनावारण शहीद की माता जम्बी कुई, पत्नी अलीसा कुई व सीआरपीएफ के डीआइजी संदीप गोकेल ने किया. प्रतिमा पर फूलमाला चढ़कर उन्हें नम आंखों से याद कर सलामी दी गयी. सीआरपीएफ के डीआइजी संदीप गोकेल ने कहा कि आज देश को मोतीलाल जैसे बेटों की जरूरत है. उनकी माता जम्बी कुई ने एक वीर सपूत को जन्म दिया. कमांडेंट अच्युतानंद ने कहा कि अमर शहीद मोती लाल पुरती 1982 में केंद्रीय रिजर्व बल में भर्ती हुए थे. 1989 में उनकी तैनाती पंजाब में कर दी गयी.
उस समय वे चौथी बटालियन में शामिल थे. पंजाब आतंकवादी से जूझ रहा था. एक टीम फिरोजपुर में तैनात की गयी थी. तलाशी अभियान के दौरान उग्रवादियों ने टीम पर हमला किया. इसमें मोती लाल शहीद हो गये. वहीं सीआरपीएफ के उप कमांडेंट अरुण झा ने संबोधित किया. मौके पर शहीद के भाई सोमनाथ पुरती, एएसपी मनीश रमन, डीएसपी प्रकाश सोय, थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह, जिप अध्यक्ष लालमुनी पुरती, सरकार राजा रमन, बलराम मंडल, विकास कुमार राय, ओम प्रकाश कर्मकार, मुंडा, मुखिया व सीआरपीएफ व पुलिस के सिपाही मौजूद थे. अमर शहीद मोती लाल पुरती का जन्म 1963 में नाकासाहातू स्थित उलीहातू गांव में हुआ था. उन्होंने पांचवीं तक पढ़ाई गांव के प्राथमिक विद्यालय में की. इसके बाद उन्होंने चाईबासा जिला स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की.
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