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शिरडी के साईं भगवान नहीं : स्वरूपानंद सरस्वती

चाईबासा : शिरडी के साईं कोई भगवान नहीं, दूसरे धर्म को मानने वाले थे. सनातन धर्मी परंपरा में परमात्मा सर्वतंत्र स्वतंत्र होता है़ वह अपनी इच्छा से ही अपनी लीला का संवरण करता है़ उक्त बातें ज्योतिष्पीठ व द्वारका शारदापीठ के जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने कहीं. वे सोमवार को रूंगटा […]

चाईबासा : शिरडी के साईं कोई भगवान नहीं, दूसरे धर्म को मानने वाले थे. सनातन धर्मी परंपरा में परमात्मा सर्वतंत्र स्वतंत्र होता है़ वह अपनी इच्छा से ही अपनी लीला का संवरण करता है़ उक्त बातें ज्योतिष्पीठ व द्वारका शारदापीठ के जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने कहीं. वे सोमवार को रूंगटा गार्डेन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. वे पांच दिवसीय दौरे पर चाईबासा आये हैं.

उन्होंने कहा कि मानव की महनीय सत्ता जीवित रहने तक ही अस्तित्व में रहती है़ मरणोपरांत उसकी सत्ता समाप्त हो जाती है. वह किस योनि में विचरण करता है, यह कोई नहीं जानता़
इसलिए किसी मानव को (जो सुप्रसिद्ध अवतारों में सम्मलित नहीं है) नित्यलीलाधारी अवतारों की कोटि में रखना व सनातन धर्मी वेद शास्त्रनुमोदित पद्धति से प्राण प्रतिष्ठित देवालयों में संस्थागति कर उसकी पूजा करना सर्वथा शास्त्र के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि साईं को संत भी नहीं कहा जा सकता़, क्योंकि संत सन्मार्गस्थ होकर जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है़ लोकापत से स्वयं को जलाकर वेद-शास्त्र, धर्म की ज्योति जलाता है़ साईं के विचारों में कार्यों में व आचरण में उक्त लक्षण नहीं दिखते़
उन्होंने कहा कि साईं को सद्गुरु भी नहीं कहा जा सकता़ शिरडी से षडयंत्रपूर्वक हमारे मंत्रों, देवताओं, पुराणों को विद्रुप किया जा रहा है़ पवित्र गायत्री मंत्र में साईं को जोड़ दिया जा रहा है़ पूर्ण सरकारी अधिग्रहण न होने से जगह-जगह शिरडी साईं मंदिर आज चढ़ावा प्राप्त करने का साधन बन गया है. भोले-भाले सनातनी की श्रद्धा, धन मुसलमानों को समर्पित किया जा रहा है़ उन्होंने कहा कि अज्ञानता के कारण साईं की मूर्ति को मंदिर में रखा जा रहा है़ मंदिर में साईं की मूर्ति बड़ी और हिंदू के देवी-देवताओं छोटी मूर्ति रखी जा रही है. उनका प्रवास रूंगटा गार्डेन में है़ उन्हें दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है़
नशा पर अंकुश लगाया जाना चाहिए: उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मानव को सर्वोत्कृष्ट भेंट बुद्धि दी है़ इसी बुद्धि के बल पर मानव, दानव, देवता, ऋषि, मुनि व चाहे तो मोक्ष तक प्राप्त कर सकता है़ नशे के सेवन से बुद्धि नष्ट होती है़ नशे के कारण बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ रही है. समाज में भययुक्त वातावरण बन गया है़
भगवान सुदर्शन की पूजा व मंदिर हो: उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र को प्रत्येक हिंदू जानता है. यह भगवान विष्णु का चक्र है. यह केवल जड़ अस्त्र ही नहीं अपितु चैतन्य देवता है. भगवान विष्णु का सर्वदा जागृत नेत्र है, जो शिव की कृपा से सह शस्त्रगुणित शाक्तिशली होकर रक्षक शाक्तियों में सर्वागुणी शक्ति है़ उन्होंने कहा कि आज भारतीय सीमाएं असुरक्षित हो रही है़ं देश के अंदर भी देश विरोधी शक्तियां बैठी हैं. ऐसे में आज सुदर्शन की आराधना सर्वाधिक प्रासंगिक है़
प्रेसवार्ता के दौरान संबोधित करते जगद‍्गुरु शंकराचार्य
स्कूलों में गीता, रामायण- महाभारत की शिक्षा अनिवार्य हो
उन्होंने कहा कि जैसे स्वस्थ निरामय जीवन के लिए स्वच्छ शुद्ध जलवायु जरूरी है, वैसे स्वस्थ विचार के लिए भी स्वस्थ पवित्र शुद्ध संस्कारित शिक्षा आवश्यक है़ इस शिक्षा के अभाव से समाज में विभिन्न तरह के अपराध होते हैं. नारियों का अपमान होता है़ इन्हें केवल कानून बनाकर नहीं रोका जा सकता़ यह शिक्षा से ही संभव है़
शिक्षा के अभाव में हिंदू समाज के युवक, महिला व युवतियां गलत कदम उठाती है़ं उन्होंने कहा कि भारत सरकार को विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए़
गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाये सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों में उम्मीद थी कि गौ हत्या बंद होगी, लेकिन बंद नहीं हो रही है़ उन्होंने कहा कि जीवन के लिए जितना महत्वपूर्ण जल है, उतना ही महत्वपूर्णी दूध भी है़ जैसे जल के बिना जीवन की कल्पना असंभव है, वैसे ही दूध के बिना भारत में जीवन की कल्पना असंभव है़ दूध गायों से मिलती है़ गाय से गोबर और गौ मूत्र भी प्राप्त होता है़ गोबर से पौष्टिक अन्न प्राप्त होता है़ भारत सरकार को गौ हत्या पर अविलंब कदम उठाना चाहिए़

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