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गोइलकेरा. रेंजर सिद्धेश्वर हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, नकदी व हथियार बरामद

छह लोगों ने मिलकर की सिद्धेश्वर की हत्या 13 मार्च को निर्ममतापूर्वक कोल्हान रेंजर सिद्धेश्वर सिंह की हत्या कर देने के मामले में गोइलकेरा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. घटना के 15 वें दिन लुटी गयी राशि व हथियार को बरामद कर लिया गया . गोइलकेरा : रेंजर सिद्धेश्वर हत्याकांड में पुलिस ने पांचों […]

छह लोगों ने मिलकर की सिद्धेश्वर की हत्या

13 मार्च को निर्ममतापूर्वक कोल्हान रेंजर सिद्धेश्वर सिंह की हत्या कर देने के मामले में गोइलकेरा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. घटना के 15 वें दिन लुटी गयी राशि व हथियार को बरामद कर लिया गया .
गोइलकेरा : रेंजर सिद्धेश्वर हत्याकांड में पुलिस ने पांचों आरोपियों से अब तक करीब 9 लाख 10 हजार रुपये बरामद कर लिया है. इसके अलावा पुलिस ने तीन देशी कट्टा व 9 गोलियों को भी बरामद किया है. इन्हीं दो कट्टे को लेकर रेंजर की हत्या करने आरोपी गये हुए थे. इस तरह पुुलिस ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए छह में से पांच आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. एक आरोपी अब भी फरार हैं .लेकिन पुलिस ने पूर्ण रूप से मामले का खुलासा कर दिया है. गोइलकेरा थाना में सोमवार को रिमांड पर आये आरोपी मार्शल बुढ़ व छोटू महाली ने पुलिस व पत्रकारों के समक्ष घटना को विस्तार से बताया
घटना से पूर्व सभी आरोपी मार्शल चौक के समीप मिले:घटना से एक घंटा पूर्व सभी लोग मार्शल चौक के समीप मिले, जहां चालक ने बताया की रेंजर के घर में मुंशी बैठा हुआ है इसलिए उसके जाने के बाद ही घुसने की बात कही गयी. इसके बाद चालक वापस घर लौट आया. उसके बाद पांचों आरोपी अपनी दोनों मोटरसाइकिल पुराना गोइलकेरा जाने वाले मुख्य सड़क में तालाब के समीप खड़ा कर रेंजर आवास के बगल में रखे बोटा के समीप जाकर छुप गये.
उनके पहुंचने के करीब 20 मिनट बाद रेंजर आवास से दारू पीकर ईशा खान को निकलते हुए देखा गया. ईशा खान के जाते ही चेतन लकड़ा,शंकर बेसरा व भीमा पांडु तीनों रेंजर के बरामदे में पहुंचे. चेतन ने रेंजर को हैलो सर कहकर आवाज लगायी. नशे की हालत में रेंजर घर का दरवाजा खोलकर निकले तो शंकर व चेतन रेंजर को पीछे से कवर किया .
रेंजर के सामने भीमा पांडु खड़ा हो गया. मार्शल व छोटु आवास के बाहर खड़े थे. चेतन लकड़ा ने अपनी बहन की शादी को लेकर तीन पलंग ले जाने की अनुमति मांगी. रेंजर ने इस पर कहा की सुबह आना काम हो जायेगा. लेकिन आरोपियों ने कहा की उन्हें धनंजय ठाकुर ने भेजा है. बातचीत को दौरान ही भीमा पांडु ने आवास के बाहर जल रहे बल्ब को फोड़ दिया. इस बात को सुनकर रेंजर ने तुरंत धनंजय ठाकुर को फोन लगाने लगे तभी शंकर ने अचानक रेंजर को पीछे से गोली मार दी.
रुपये निकाल कर अटैची को जला दिया : गोली मारने के बाद चेतन,शंकर व छोटु तीनों घर में घुसे तथा पलंग खोलकर अटैची को उठा लिया. इस दौरान रेंजर के खोले गए पैंट को भी चेक किया,जहां से पैसे नहीं निकले. अटैची लेकर पांचों भागते हुए तलाब के पास पहुंचे तथा दो मोटरसाइकल में बैठकर गुलरूवां के रास्ते निकल गये. गुलरूवां पहुंचकर पांचों लोग रूके तथा अटैची का ताला तोड़ा. उसमें रखे सारे पैसे को निकालकर शंकर बेसरा के बैग में डाले गया. वहां से सभी लोग रात करीब 11 बजे रात को माराश्रम पहुंचे. वहां झाड़ियों को इकट्टा कर अटैची को जला दिया गया. फिर रुपयों को बंटवारा किया गया.
रिमांड पर लाये गये दो आरोपियों ने खोला कट्टे का राज :गोइलकेरा पुलिस ने मार्शल बुढ व छोटु को रिमांड पर गोइलकेरा लायी थी. दोनों आरोपियों के निशानदेही पर ही कट्टे ,गोली व रुपये बरामद किये गये. पुलिस के मुताबिक पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड था चेतन लकड़ा जिसने ही सभी के साथ मिलकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया.
हत्या के अलावे दर्ज हुए आर्म्स एक्ट के दो मामले:रेंजर हत्याकांड के अलावे गोइलकेरा थाने में आर्म्स के बरामदगी के बाद मामले दर्ज किया गया. थाना कांड संख्या 11/16 के मुताबिक मार्शल बुढ़ व भीमा पांडु पर एक देशी कट्टा रखने के व कांड संख्या 12/16 के मुताबिक चेतन लकड़ा व शंकर बेसरा पर दो देसी कट्टा रखने के मामले में धारा 25(1बीए),26/35 के तहत मामले दर्ज किया गया है.

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