चाईबासा : शव का पोस्टमार्टम कराने आये मृतक रेंजर के चचेरे भाई टाटा निवासी संजय सिंह ने बताया कि घटना के समय रेंजर सिद्धेश्वर सिंह अपनी पत्नी से फोन पर बात कर रहे थे. इसी बीच कोई दरवाजे पर आया. किसी के आने की आहट फोन पर ही पत्नी को सुनायी दी.
इसी बीच पत्नी ने मृतक रेंजर से पूछा कि कौन है. बाद में बात करने की बात कह रेंजर ने फोन काट दिया. दोनों पति-पत्नी की बात भोजपुरी भाषा में हो रही थी.
रेंजर के चचेरे भाई संजय सिंह ने बताया कि नौ बजकर चार मिनट में रेंजर सिद्धेश्वर सिंह ने धनंजय ठाकुर को फोन किया था, (जो मृतक का काफी करीबी बताया जाता है) लेकिन, बीच में ही फोन कट गया.
इस बीच धनंजय ने चार से पांच बार रेंजर को कॉल किया. लेकिन, रेंजर का फोन नहीं लग रहा था. फोन नहीं लगने पर धनंजय ठाकुर रेंजर के आवास पर गया. जहां, देखा कि आवास की सीढ़ी पर रेंजर खून से लथपथ पड़े हुए थे.
कई दिनों से मिल रही थी धमकी
मृतक रेंजर के चचेरे भाई संजय सिंह ने बताया कि रेंजर को कुछ दिन पहले रॉग नंबर से फोन आ रहा था. फोन पर जान से मारने की धमकी दी जा रही थी. रेंजर ने दूसरे नंबर से उस नंबर पर एक बार फोन किया था. फोन उठाने वाले ने खुद का नाम बबलू बताया था और अपना घर बिहार के गया में बताया था.