चक्रधरपुर : चक्रधरपुर का लाइफ लाइन कहे जाने वाला रानी तालाब का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. कूड़ा कचरा से तालाब समतल हो रहा है. रानी तालाब की सफाई की गयी. दूसरे तरफ शहर का कूड़ादान बना हुआ है. तालाब दिन प्रति अतिक्रमण की चपेट में आ रहा है. पुरानी बस्ती व जीएल चर्च, कुम्हार टोली, नागेश्वर स्कूल के बीच स्थित तालाब की सफाई की गयी. परंतु वार्ड संख्या पांच दंदासाई व वार्ड संख्या छह के बीच स्थित लगभग एक हजार मीटर का तालाब कूड़ादान से भर रहा है.
ऐतिहासिक रानी तालाब के अस्तित्व मिटाने में शहरवासी पूर्ण रूप से जिम्मेवार है. लगभग एक वर्ष पूर्व पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त के निर्देश पर चक्रधरपुर के तत्कालीन एसडीओ रवि शंकर शुक्ला ने ऐतिहासिक रानी तालाब का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान एसडीओ श्री शुक्ला ने कहा कि ऐतिहासिक रानी तालाब धरोहर बताते हुए इसे बचाने के लिए शहरवासियों को साफ रखने का आह्वान किया था.
तालाब में कचड़ा तथा शौचालय, नाली का गंदा पानी मिलाते हुए पकड़े जाने पर 133 धारा के तहत केस दर्ज करने की बात कही थी. सांसद व विधायक भी इस तालाब की जीर्णोंद्धार करने की राग अलापते रहे. परंतु न तो रानी तालाब की नापी हुई. और न ही अतिक्रमण हटा. नगर पर्षद से जनप्रतिनिधि व सरकारी तंत्र इस तालाब को बचाने के लिये अब तक आगे नहीं आये. पिछले दिनों राघोई गांव में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बरसात का पानी रोकने के लिये चेकडैम, तालाब, कुआं निर्माण करने पर जोर दिया. परंतु रानी तालाब को खोदा हुआ है, इसे बचाने के लिये कोई पहल नहीं किया जा रहा है. बताया जाता है कि इस तालाब को राजा अर्जुन सिंह अपने किले की सुरक्षा के लिये खोदवाया था.