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तो अंगूठा छाप रह जायेेंगे 2 लाख वयस्क

चाईबासा 4 पश्चिम सिंहभूम जिले में 31 दिसंबर से बंद हो रहा साक्षर भारत मिशन मिशन 30 मार्च, 2017 को समाप्त होना था लक्ष्य से पीछे रहने के कारण 31 दिसंबर 2017 तक बढ़ाया गया चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले को वर्ष 2020 तक पूर्ण साक्षर बनाना चुनौती ही रह जायेगी. जिले में अब भी […]

चाईबासा 4 पश्चिम सिंहभूम जिले में 31 दिसंबर से बंद हो रहा साक्षर भारत मिशन

मिशन 30 मार्च, 2017 को समाप्त होना था
लक्ष्य से पीछे रहने के कारण 31 दिसंबर 2017 तक बढ़ाया गया
चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले को वर्ष 2020 तक पूर्ण साक्षर बनाना चुनौती ही रह जायेगी. जिले में अब भी 2.12 लाख वयस्क आबादी निरक्षर है. वयस्कों को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने के लिए चल रहे साक्षर भारत मिशन आगामी 31 दिसंबर से बंद हो जायेगा. ज्ञात हो कि उक्त मिशन 30 मार्च, 2017 को समाप्त होना था, लेकिन लक्ष्य से पीछे रहने के कारण इसे 31 दिसंबर 2017 तक के लिए बढ़ा दिया गया था.
अब अगर नयी योजना नहीं आती है तो जिले के 2.12 लाख वयस्क आबादी अंगूठा छाप रह जायेगी. वहीं जिले के 18 प्रखंडों की 217 पंचायतों में संचालित लोक शिक्षा केंद्र में 31 दिसंबर से ताले लग जायेंगे.
217 पंचायतों में संचालित केंद्रों में लटक जायेंगे ताले
2011 के सर्वे के मुताबिक आवंटित लक्ष्य
ब्लॉक महिला पुरुष कुल
चाईबासा 33656 21480 55136
खूंटपानी 27642 17911 45553
झींकपानी 16842 10962 27804
टोंटो 21971 16300 38271
मंझारी 24487 17217 1704
मझगांव 24547 17449 41996
कुमारडुंगी 19153 13821 32974
तांतनगर 19957 13050 33007
1988 में शुरू हुआ था मिशन
गौरतलब हो कि 15 से 35 के आयु वर्ग के अशिक्षितों को कार्यात्‍मक साक्षरता के लिए 1988 में राष्ट्रीय सारक्षता मिशन की शुरुआत हुई. हालांकि नौ सितंबर 2012 को साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसके तरह सरकार ने जिले के करीब 7.74 लाख निरक्षरों (3.10 लाख पुरुष व 4.64 लाख महिला) को साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया. सरकार के लिये चुनौती थी कि 7.13 लाख निरक्षर ग्रामीण क्षेत्र से थी.
मिशन से 5.62 लाख आबादी हो पायी साक्षर
वर्ष 2011 के सर्वे के आधार पर जिले में कुल 7,74,777 निरक्षरों (4,64,665 महिला व 3,10,112 पुरुष) को साक्षर करना था. विभाग ने जिले में 5,62,777 जनों को साक्षर कर दिया है. शेष 2.12 लाख निरक्षर रह गये. वर्ष 2016-17 में 1,39,038 निरक्षरों को साक्षर किया गया. 2017-18 में 44 हजार निरक्षरों को साक्षर करने का टारगेट है.
18 बीएमपी, 432 प्रेरक व 18 हजार बीटी हो जायेंगे बेरोजगार
कार्यक्रम बंद होने से जिले के 18 बीएमपी, 432 प्रेरक व 18 हजार बीटी बेरोजगार हो जायेंगे. बीपीएम को मासिक 6 हजार रुपये का मानदेय मिल रहा. वहीं प्रेरकों को दो हजार रुपये मासिक मानदेय और बीटी निशुल्क काम कर रहे थे.
मंडल कारा के कैदी भी योजना से लाभान्वित
मिशन के तहत मंडल कारा के निरक्षर कैदियों को लाभ मिल रहा था. मंडल कारा में बंद 350 कैदियों को साक्षर किया जा रहा है. इन्हें आगे बुनियादी परीक्षा देनी है.

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