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कोल्हान विश्वविद्यालय : एप से माइग्रेशन और सर्टिफिकेट ले सकेंगे स्टूडेंट

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के अलावा सामान्य डिग्रीधारी कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को अब माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट, प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट, डुप्लीकेट डिग्री सर्टिफिकेट व डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. वह अपने मोबाइल पर स्टूडेंट सर्विस एप के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन पेमेंट व आवेदन कर […]

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के अलावा सामान्य डिग्रीधारी कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को अब माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट, प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट, डुप्लीकेट डिग्री सर्टिफिकेट व डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. वह अपने मोबाइल पर स्टूडेंट सर्विस एप के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन पेमेंट व आवेदन कर सकेंगे. उन्हें सभी सर्टिफिकेट घर पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे जायेंगे.

इस एप को विद्यार्थी प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे. मोबाइल एप के साथ स्टूडेंट सर्विस एप भी लांच होगा. एक आरंभ होने से 70 हजार से अधिक विद्यार्थियों को राहत मिलेगी. इससे नामांकन में फर्जीवाड़ा करने वाले कॉलेज पर भी नजर रहेगी. विवि का फोकस डिजिटाइजेशन पर है. आगे विद्यार्थी इस एप की मदद से डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से घर पर ही जरूरी सार्टिफिकेट निकाल सकेंगे. यह जानकारी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती ने दी.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में यूजीसी की अोर से आयोजित सेमिनार में प्रेजेंटेशन देने के लिए देश के सिर्फ 10 विवि का चयन किया गया था. जिसमें झारखंड से सिर्फ कोल्हान विवि का चयन किया गया था. कुलपति ने 10 मिनट का प्रेजेंटेशन दिया जिसमें उन्होंने विवि में लैंग्वेज लैब, अॉनलाइन एडमिशन प्रक्रिया, वर्चुअल क्लास रूम, वीमेंस कॉलेज में शुरू की गयी डिजिटल लिट्रेसी से संबंधित जानकारी को प्रेजेंटेशन के रूप में पेश किया. कार्यक्रम के दौरान ही कोल्हान विवि के विद्यार्थियों के सर्टिफिकेट को नासिर्फ सुरक्षित रखने बल्कि उन्हें एक क्लिक में ही उक्त सर्टिफिकेट के वापस मिलने की व्यस्वथा करने का निर्णय लिया गया है. शुरू में 2 साल तक यह विद्यार्थियों को मुफ्त में उपलब्ध करवाया जायेगा. इसके लिए एक एजेंसी की मदद ली जायेगी.

कैसे काम करेगा सिस्टम विद्यार्थियों की ऑनलाइन शिकायतों को संबंधित अधिकारियों को भेजकर उसे निर्धारित समय पर निस्तारित करवाया जायेगा. ऑनलाइन ट्रैकिंग भी हो सकेगा. मोबाइल एप पर स्टूडेंट सर्विस डेश बोर्ड पर क्लिक कर सबसे पहले विद्यार्थी मोबाइल नंबर, रोल नंबर व ईमेल से अपना टोकन नंबर जेनरेट करेगा.
यह टोकन नंबर उसके मोबाइल फोन पर एसएमएस से पहुंचेगा. इसके बाद विद्यार्थी ऑनलाइन अप्लीकेशन फार्म भरेगा. फिर ऑनलाइन फीस पेमेंट करेगा और उसे एक फ्रेंश नंबर मिल जायेगा. स्पीड पोस्ट का डिस्पैच नंबर भी दे दिया जाएगा. इससे विद्यार्थी ऑनलाइन ट्रैकिंग कर जान सकेंगे कि उसके सार्टिफिकेट बने हैं या नहीं.
परीक्षा केंद्रों पर डिजिटल प्रश्नपत्र भेजने की तैयारी
इस बार की सेमेस्टर परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों पर डिजिटल प्रश्नपत्र भेजने की भी योजना बन रही है. परीक्षा विभाग परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही पासवर्ड से भाषा बदलेगा और केंद्र पर वह डाउनलोड होकर वितरित होंगा.

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