चाईबासा : उपायुक्त अरवा राजकमल ने कार्यक्रम की शुरुआत अपने बचपन की एक कहानी से की. डीसी ने कहा कि जवाहर नवोदय विद्यालय में तब वह आठवीं कक्षा में थे. इसी तरह का कुछ कार्यकम चल रहा था. जमीन पर बैठकर वह कार्यक्रम सुन रहे थे. जिले के प्रभारी डीसी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. डीसी क्या बोल रहे थे, ये उनको समझ में नहीं आ रहा था. लेकिन, मन में एक जिद हो गयी कि मुझे इस आदमी की तरह ही बनना है. और आज मैं खुद आइएएस बनकर आपके सामने हूं.
इस कार्यशाला में कोई एक भी वक्ता जैसे बनने की इच्छा आपके मन में जागृत हो गयी तो, इस कार्यशाला का आयोजन सफल माना जायेगा. डीसी ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए स्नातक होना बहुत जरूरी है. डीसी ने छात्राओं को कैरियर के बारे में जानकारी दी. डीसी ने कहा कि आइएएस बनने से पहले वह खुद एक शिक्षक थे और रसायनशास्त्र पढ़ाया करते थे. डीसी ने कहा कि इंटरमीडिएट पास सभी छात्राओं के नामांकन के लिए व जिला में एक कोषांग का गठन करेंगे. यह कोषांग छात्राओं के स्नातक में नामांकन की मॉनीटरिंग करेगा.