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घाटशिला : पांच माह में 152 नवजात हुए भरती, 16 की मौत

घाटशिला के न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट का हाल अजय पांडेय घाटशिला : घाटशिला के काशिदा स्थित यूनीसेफ और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में संचालित न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट में अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के 152 नवजातों को बेहतर इलाज के लिए भरती कराया गया था. इनमें से 16 नवजातों की मौत अप्रैल […]

घाटशिला के न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट का हाल
अजय पांडेय
घाटशिला : घाटशिला के काशिदा स्थित यूनीसेफ और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में संचालित न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट में अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के 152 नवजातों को बेहतर इलाज के लिए भरती कराया गया था. इनमें से 16 नवजातों की मौत अप्रैल से लेकर अगस्त माह तक हुई है. जानकारी हो कि वर्ष 2009-10 से यहां एसएनसीयू संचालित हो रहा है.
बीते पांच माह में 16 नवजातों की हुई मौत से अनुमंडल प्रशासन भी चिंतित है. 91 नवजात इलाज के बाद ठीक होकर घर चले गये. न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट में 28 नवजातों को जमशेदपुर रेफर कर दिया गया. 12 नवजातों को ठीक होने के बाद परिजन लेकर घर चले गये. 31 अगस्त को एसएससीयू में पांच नवजातों को बेहतर इलाज के लिए भरती कराया गया है. उनका इलाज जारी है. अप्रैल माह में 36 नवजात इलाज के लिए भरती हुए. 24 नवजात ठीक होने के बाद घर चले गये. पांच नवजातों को बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर भेजा गया. दो नवजात ठीक होने जाने के बाद परिजन घर लेकर चले गये.
पांच नवजातों की इलाज के दौरान मौत हुई. मई माह में 39 नवजातों को इलाज के लिए भरती कराया गया. पांच नवजातों को रेफर कर दिया गया. जून में 31 नवजातों को एसएनसीयू में भरती कराया गया. 16 नवजात स्वस्थ होकर घर चले गये. चार नवजातों को जमशेदपुर रेफर किया गया और चार नवजातों की इलाज के दौरान मौत हो गयी.
जुलाई माह में 27 नवजातों को भरती कराया गया था. इसमें से 18 नवजात ठीक होने के बाद घर चले गये. सात नवजातों को रेफर किया गया. दो नवजातों की इलाज के दौरान मौत हो गयी. अगस्त माह में 19 नवजातों को भरती कराया गया. चार नवजातों को जमशेदपुर रेफर किया गया. चार नवजातों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया. तीन को परिजन यहां से लेकर चले गये और पांच नवजातों का इलाज जारी है.
किन प्रखंडों के कितने नवजातों की हुई मौत : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंकर टुडू ने बताया कि पांच माह के अंदर मुसाबनी प्रखंड के तीन, घाटशिला के तीन, धालभूमगढ़ प्रखंड के दो, डुमरिया के तीन, बहरागोड़ा के चार और पोटका प्रखंड से इलाज के लिए न्यू सिक बोर्न केयर यूनिट में आये एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गयी. डॉ टुडू ने कहा कि 16 नवजातों की मौत के मसले पर कहा कि यह क्षेत्र गरीब है. समय से पूर्व ही बच्चे जन्म लेते हैं. सात और आठ माह में ही माताएं बच्चों को जन्म देती हैं. इसके कारण नवजातों की मौत हो रही है.
एसएनसीयू के स्थानांतरण पर 15 लाख खर्च होगा
घाटशिला का एसएसयूसी भवन जर्जर हो चुका है. बरसात के दिनों में भवन से पानी टपकता है. इस भवन के स्थानांतरण की जरूरत है. क्योंकि एसएनसीयू में लगाये गये कीमती बेबी वार्मर भी बरबाद हो सकते हैं. इस यूनिट में पहले 12 बेबी वार्मर थे. फिलहाल छह बेबी वार्मर में ही नवजातों का इलाज होता है. इस यूनिट में ट्रेंड चिकित्सक की भी कमी है. इस यूनिट के स्थानांतरण में 15 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है. मगर अभी तक यूनिट के स्थानांतरण का आदेश नहीं मिला है.
जिले में 3705 कुपोषित अौर 556 अति कुपोषित बच्चे
जमशेदपुर. एमजीएम अस्पताल में बच्चों की मौत पर कुपोषण समेत अन्य सवाल उठ रहे हैं. जून अौर जुलाई में समाज कल्याण विभाग द्वारा किये गये सर्वे के अनुसार जिले में कुल 3706 कुपोषित अौर 556 अति कुपोषित बच्चे चिह्नित हुए हैं.
इसमें जून में 2230 कुपोषित व 300 अति कुपोषित तथा जुलाई में 1475 कुपोषित बच्चे 256 अति कुपोषित बच्चे चिह्नित हुए. जून में 92 तथा जुलाई में 74 बच्चों को कुपोषण निवारण केंद्र (एमटीसी) भेजा गया अौर जून में 61 बच्चे स्वस्थ हुए, जबकि जुलाई में 41 बच्चे स्वास्थ हुए. सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठने के बाद एक बार पुन: समाज कल्याण विभाग एक से 15 सितंबर तक आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सभी बच्चों का वजन एवं बांह माप करा रहा है अौर कुपोषित चिह्नित होने वाले बच्चों को विशेष निगरानी तथा एमटीसी में रखा जायेगा.
जहां सुपरवाइजर की ज्यादा जरूरत वहां मात्र एक
जमशेदपुर : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की मोनिटरिंग की क्या स्थिति है, इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है, ग्रामीण क्षेत्र में जहां ज्यादा महिला सुपरवाइजर की जरूरत है .वहां मात्र एक या दो से काम चल रहा है, जबकि उसकी तुलना में शहरी क्षेत्र में कई महिला सुपरवाइजर है.
सुपरवाइजरों का पद व कार्यरत
डुमरिया 3 1
पटमदा 5 3
जमशेदपुर सदर 7 6
गोलमुरी सह जुगसलाई 8 7
धालभूमगढ़ 5 1
बहरागोड़ा 8 6
चाकुलिया 6 4
घाटशिला 5 2
पोटका 10 4
मुसाबनी 4 2
बोड़ाम 3 1
कुल 64 37
परियोजना वार कुपोषित- अति कुपोषितबच्चों की संख्या
(जून)
परियोजना कुपोषित अति कुपोषित एमटीसी भेजे गये स्वस्थ हुए
जमशेदपुर सदर 38 24 17 10
गोलमुरी सह
जुगसलाई 288 18 7 3
पोटका 862 28 10 0
पटमदा 160 29 3 2
बोड़ाम 208 48 3 2
घाटशिला 55 36 6 6
डुमरिया 201 14 4 4
मुसाबनी 129 17 6 6
धालभूमगढ़ 88 20 11 11
चाकुलिया 130 42 6 6
बहरागोड़ा 76 24 25 11
कुल 2230 300 92 61
जुलाई
जमशेदपुर सदर 14 5 1 1
गोलमुरी सह
जुगसलाई 158 41 6 1
पोटका 284 26 11 0
पटमदा 153 33 1 4
बोड़ाम 35 26 3 1
घाटशिला 116 22 5 3
डुमरिया 214 16 3 3
मुसाबनी 192 16 5 5
धालभूमगढ़ 66 10 4 1
चाकुलिया 151 39 8 5
बहरागोड़ा 92 22 27 17
कुल 1475 256 74 41

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